बेबाक – प्रियंका के मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ने की बात बार-बार कहने के बावजूद कांग्रेस क्यों नहीं कर रही है घोषणा

बेबाक – हिमांशु नारायण, नयी दिल्ली।

प्रियंका वाड्रा के मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ने की बात बार बार निकलती है। खुद प्रियंका ने बोला कि कांग्रेस अध्यक्ष चाहेंगे तो लड़ सकती है लेकिन अनाउंसमेंट नहीं किया गया अभी तक।

प्रियंका कांग्रेस की रिजर्व खिलाड़ी

मेरी समझ से ऐसा करने से प्रियंका की बनी बनाई छवि के ख़तम होने का खतरा होगा। इसी कारण कांग्रेस हवा बना कर प्रियंका का भाव भी बनाए रखना चाहती है। लेकिन यह उनके गले की हड्डी बनती जा रही है, कांग्रेस हाँ या नहीं बोल पाने की स्थिति में नहीं है। कांग्रेस प्रियंका को रिजर्व रखी है उस वक़्त के लिए जब राहुल को जेल जाना पड़ता है नेशनल हेराल्ड मामले में और तब प्रियंका वाड्रा परिवार की एकमात्र सदस्य है पार्टी की कमान अपने हाथ में ले सकती है। यही कारण है कि कांग्रेस रिस्क नहीं ले सकती।

प्रियंका की हार की स्थिति में  उनका हाल केजरीवाल जैसा हो जायेगा

गांधी परिवार को यह भी खतरा सामने नजर आता है यदि मोदी लहर में प्रियंका सम्मानजनक वोट नहीं ला पाती हैं तो वैसी स्थिति में उनका हाल केजरीवाल जैसा हो जायेगा। वैसी परिस्थिति में यदि राहुल पर भी शिकंजा कसता है तो जेल जाने की स्थिति में प्रियंका पार्टी को मजबूती से एकजुट नहीं रख पाएंगी। डर यह भी है कि कांग्रेस टुकड़ों में विभाजित हो जाएगी।

करो या मरो वाली स्थिति में प्रियंका को उतारा गया

पिछले वर्षों को ध्यान में रखा जाए तो यह भी स्पष्ट है कि सोनिया गांधी हर हालत में राहुल को ही यह विरासत देने का निर्णय करके बैठी है। वरना एक दो नहीं बाईस राज्यों में लगातार चुनाव हारते रहने के दौरान भी प्रियंका को पार्टी में आने नहीं दी थी। यह तो करो या मरो वाली स्थिति इस चुनाव में आ गई, हार की स्थिति में गांधी परिवार के लिए ही नहीं बल्कि कांग्रेस के विलुप्त होने का खतरा सामने आ गया और पूरे देश की तरह सोनिया भी समझती है कि उसका लाल मंदबुद्धि है जो प्रियंका को सामने ले आयी कि राजनीति में जिंदा रह गए तो दोनों के बीच सत्ता का बंटवारा कर लिया जाएगा। हारने पर तो जेल यात्रा ही निश्चित है।

अब लाचारी है कि कांग्रेस को हर हालत में गांधी परिवार पर ही नेतृत्व के लिए निर्भर रहना है तो प्रियंका नाम के इस एकमात्र बचे मोहरे को मोदी नाम के सबसे मजबूत उम्मीदवार के सामने उतारने में सौ नहीं लाख बार सोचना पड़ेगा। बावजूद इस लालच के कि कहीं प्रियंका के हाथों मोदी की चुनावी हार हो जाती है तो गांधी परिवार के लिए आज तक की सबसे बड़ी जीत होगी।

आलेख लेखक के निजी विचार हैं 

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