अमनौर प्रखंड क्षेत्र के धरहरा पंचायत,ढोरलाही कैथल,व् मनोरपुर झखरी पंचायतो में दो दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।पर इसकी शायद जानकारी प्रशासन को नही है।जिस कारण अब तक कोई कर्मचारी राहत सामग्री की बात कौन कहे मुआयना करने तक कोई नही गया।जिससे गुस्साए सैकड़ो बाढ़ पीड़ित सोमबार को प्रखंड मुख्यालय पहुँच अंचला धिकारी को घेराव किया।तथा बिरोध प्रदर्शन किया।पूर्व प्रमुख सुनील राय ने इसका नेतृत्व किया।बाढ़ पीड़ितों का आरोप था कि बन्दे झखरी,मनोर पुर,पक्करी,लखना,ढोरलाही समेत एक दर्जन गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है ,पर आज तक राहत सामग्री के नाम पर सिर्फ प्लास्टिक दिया गया है।कोई कर्मचारी देखने तक नही गए गाँव में।दलालो के माध्यम से राहत सामग्री बितरण किया जा रहा है,जो बाढ़ में दुब्ब है उन्हें न देकर अपने चेहते लोगो को देने का आरोप लगाया।उन्होंने कहा कि जी आर के बितरण सूचि में गरबारी करने का आरोप मढ़ा है।मुखिया सतेंद्र राम,व् सरपंच का भी आरोप था कि राहत सामग्री के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जा रही है ।जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नही है,उस वार्ड को शामिल किया जा रहा है,जो सचमुच प्रभावित है उन्हें पूछने वाला भी कोई नही ।उन्होंने कहा कि महि नदी के तेज धारा से धरहरा गाँव का मुख्य रोड का कटाव हो रहा है,सुचना देने के बाद भी कोई सुनवाई नही।
अंचला धिकारी मनोज श्रीवास्तव ने पाच रोज का समय की मांग की ,कहा कि किसी भी परिस्थिति में बाढ़ राहत सामग्री युद्ध स्तर से बितरण की जायेगी,अन्य समस्याओं का भी जल्द निराकरण किया जायेगा।
प्रदर्शन करने वालो में सुनील शर्मा,मुकेश राय, पंकज सिंह,सुशिल कुमार श्रीवास्तव,शंकर लाल,मुकेश रे,लीलावती देवी,चन्द्रावती कुंअर, शकुंतला देवी मनिया देवी,दुःखन महतो समेत सैकड़ो शामिल थे।
मालूम हो की प्रखंड के लगभग आधा दर्जन पंचायतो के 33 गांव बाढ़ से प्रभावित है।धर्मपुर जाफर,अमनौर कल्याण,बसन्तपुर बंगला पंचायतो के दो दर्जन गाँव में बाढ़ का पानी लगभग बहुत कम हो चूका है,।पर रास्ता टूट जाने के कारण आवा गमन बाधित है।