बलात्कार और नृशंस हत्या के विरोध में स्वराज इंडिया के कार्यकर्ता जंतर मंतर पर एकत्रित हुए

img_1865 बिहार की एक 12 साल की बच्ची नैंसी के साथ हुए अमानुषिक बलात्कार और नृशंस हत्या के विरोध में  स्वराज इंडिया के कार्यकर्ता जंतर मंतर पर एकत्रित हुए।कार्यकर्ताओं ने निर्भया स्थल के पास नैंसी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।कार्यकर्ताओं ने जंतर मंतर पर एक शांति मार्च किया और नुक्कड़ नाटक भी किया।
आये दिन इस तरह की वीभत्स घटनाएं होती रही हैं जिनमे एक प्रमुख घटना 16 दिसंबर को दिल्ली को एक चलती बस में एक युवती के साथ अमानुषिक हिंसा के साथ सामूहिक बलात्कार किये जाने की घटना और उसके बाद हुई उसकी मृत्यु ने राजधानी ही नहीं, पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया.।।
युवा छात्र-छात्राओं के साथ-साथ आम नागरिक भी दिल्ली की सडकों पर कड़ी सर्दी, पुलिस के डंडों और तेज पानी की बौछारों की परवाह किये बगैर चार-पांच दिन तक प्रदर्शन करते हुए डटे रहे. इसके बाद बलात्कार-संबंधी कानून को और सख्त बनाया गया. मीडिया ने भी इस काम में आगे बढ़कर हाथ बंटाया और लोगों को उम्मीद बंधी कि शायद अब ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ जनचेतना पैदा होगी और इनमें कमी आएगी. लेकिन यह उम्मीद पूरी नहीं हुई. दुर्भाग्यवश यौन उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ उसकी घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है |

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अक्सर गांवों और कस्बों में होने वाले यौन उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाओं की तो कहीं रिपोर्ट तक नहीं होती और इस तरह वे आधिकारिक आंकड़ों से बाहर रहती हैं. अधिकांश मामलों में पीड़िता शर्म और संकोच के कारण कुछ बोल ही नहीं पाती और उसे रोकने के पीछे समाज का दबाव भी काम करता है. ऐसे मामलों में अक्सर दोष उसी के सर मढ़ दिया जाता है. जिन मामलों में पीड़ित लड़की हिम्मत दिखाती भी है, उनमें भी उसे न्याय मिलने की राह कांटों से भारी होती है. पिछले कुछ दिनों के भीतर दो ऐसे मामले प्रकाश में आये हैं जिन्होंने इस समस्या से सरोकार रखने वालों की नींद तो उड़ा ही दी है, साथ ही यह भी उजागर कर दिया है कि समाज के प्रभावशाली वर्ग के सदस्यों के दुष्कर्मों का पर्दाफाश करना कितना मुश्किल है.कहते हुए बड़ा दुख होता है कि हमारे देश मे प्रत्येक 54 सेकंड में एक बलात्कार होता है।लेकिन बहुत कम ही मामलों की रिपोर्ट दर्ज की जाती है।

यौन उत्पीड़न का संबंध सत्ता और अधिकार से है और बलात्कार इसका चरम रूप है. यौन उत्पीड़न की घटनाएं शक्ति प्रदर्शन के प्रयास से पैदा होती हैं और इनमें दूसरे पक्ष की इच्छा या सहमति को कोई महत्व नहीं दिया जाता. अक्सर इनमें एक पक्ष ताकतवर और दूसरा कमजोर होता है. यह शक्ति शारीरिक भी हो सकती है और आर्थिक एवं सामाजिक भी. यह दूसरे के अस्तित्व को नकारने और उसे कुचलने का भी प्रयास है. इसलिए आपसी रंजिश का बदला लेने और जातीय एवं सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में भी बलात्कार का सहारा लिया जाता है.

आज हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जब गाय के जीवन और मान सम्मान की रक्षा की चिंता सबको कहीं ज्यादा  है लेकिन तुलनात्मक रूप से ये सोचने वाले कम हैं कि क्या महिलाएं भी हमारे समाज मे सुरक्षित हैं।गाय की रक्षा और पूजा हमारे लिए जरूरी है लेकिन जिस देश मे  ”यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवता ” देवता जैसी उक्तियाँ कही जाती हों वहाँ महिलाओं की इतनी बुरी स्थिति पर सबको चिंता जरूर करनी चाहिए।
अभी हाल ही में हरियाणा के रोहतक में एक जघन्य बलात्कार हुआ उसके बाद पीड़िता को कुल्हाड़ी से काटकर मार दिया गया।उसी के दूसरे ही दिन सोनीपत में एक घटना सामने आई जिसमे एक छोटी बच्ची से लगातार बलात्कार किया जा रहा था।

हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं जिनमे महिलाओं के साथ छेड़छाड़ या दुष्कर्म करने के बाद उनका विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डाला जा रहा है।आखिर इतना साहस कहाँ से आ पाता है इन अपराधियों में।
विदित हो कि बीते दिन बिहार के मधुबनी जिले की 12 साल की बच्ची नैंसी के साथ जघन्य बलात्कार करने के बाद उसकी निर्मम हत्या कर दी गई।बलात्कार के बाद हैवानियत की हदों को पार करते हुए तेजाब से उसके शरीर को जलाया गया और मार दिया गया।आये दिन इस तरह की घटनाएं होती ही रहती हैं ।

नैंसी की हत्या और बलात्कार के विरोध स्वराज इंडिया के सदस्यों ने  आज  शाम 4 बजे जंतर मंतर पर एक शान्ति मार्च आयोजित किया।
इस शांति मार्च में गैर सरकारी संगठन ‘अनुभूति फाउंडेशन’ और ‘अस्मिता थिएटर’ ग्रुप ने भी सहभागिता निभाई।
इस अभियान में नैंसी के लिए न्याय की मांग करते हुए निर्भया स्थल पर सभी लोग एकत्र हुए।वहां पुष्पांजलि अर्पित की गई।
उसके बाद इंडिया अगेंस्ट रेप नाम से सिग्नेचर कैंपेन चलाया गया।
साथियों की  टीम ने वहाँ नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया।कुछ साथीयों ने विरोध की कविता का पाठ  भी किया।
इसके बाद सब लोग जंतर मंतर पर ही एक शांति मार्च करेंगे।
इन सब के बाद सब लोग  इंडिया गेट पहुंचे और वहां पर कैंडल जलाकर विरोध किया।इस विरोध प्रदर्शन में बहुत दूर-दूर से आये लोगों ने भाग लिया । सभी साथियों के मन मे न्याय व्यवस्था और बलात्कारियों गहरा आक्रोश देखने को मिला।
इलाहाबाद से इस आंदोलन में शिरकत करने पहुंचे प्रशांत तिवारी ने कहा कि जब सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो लोगों को नैन्सी के लिए न्याय प्रदान करने के लिए सरकार पर दबाव डालना चाहिए।
स्वराज इंडिया के विष्णु वैश्यिक ने कहा है कि यह हमारे सामाजिक संरचना, और इस देश के निम्न स्तर का बड़ा फली है, इस तरह का अपराध महिलाओं के खिलाफ मौजूद है, और हम आखिरी श्वास तक नैंसी के लिए लड़ते हैं।

सिविल सेवा के अभ्यर्थी रजनीश शुक्ला ने कहा कि मौत की सजा बलात्कारी के खिलाफ होनी चाहिए
स्वराज इंडिया नैंसी को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्व है और नैंसी के परिवार के साथ हर वक्त खड़ी है।

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