पटना साहिब संग्राम – देश में शालीनता की मिसाल पेश कर रहे हैं पटना साहिब उम्मीदवार, पुरे देश में चल रही जहरीली जुबानी जंग के बीच ये दोनों बड़े नेता अपने-अपने दलों के मुद्दे पर रख रहें हैं अपनी बात

मधुप मणि “पिक्कू”

इस वर्ष हो रहे लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार पुरे देश में जुबानी जंग ने सारी मर्यादाएँ तोड़ने का कार्य किया है। वहीं एक क्षेत्र ऐसा भी है जहाँ दो कद्दावर नेताओं के बीच टक्कर तो है, पर यह टक्कर बहुत शालीनता से निभाया जा रहा है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं चुनावी हिंसा में वर्षों तक बदनाम रहे बिहार की। बिहार की राजधानी का प्रमुख लोकसभा क्षेत्र है पटना साहिब। इस क्षेत्र के दोनो उम्मीदवारों की शालीनता अपने आप में एक मिसाल बन रही है।

बंगाल जैसे राज्य चुनावी हिंसा से पुरे देश में हो रही किरकिरी

जब उपर के नेता अपनी मर्यादा कायम रखेंगे तो निश्चित हीं कार्यकर्त्ता भी उसी कदम पर चलेंगे। देश के विभिन्न हिस्सें में हो रहे चुनावों में सियासी दुश्मनी और बदजुबानी ने लोकतंत्र को बदनाम करने का कार्य कर रही है। वहीं बंगाल जैसे राज्य चुनावी हिंसा पुरे देश में किरकिरी भी करवा रही है।

सिर्फ दल की नीतियों पर ही बात

इस क्षेत्र में 19 मई को मतदान होना है। प्रचार अंतिम समय में है, परन्तु अभीतक किसी भी प्रकार की हिंसा या अमर्यादित भाषाओं का प्रयोग भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के द्वारा नहीं हुआ। जहाँ चुनावों में नेताओं की जुबान व्यक्तिगत से शुरू होकर परिवार तक चली जाती है, वहीं पटना के ये दोनो उम्मीदवारों ने अपनी सभाओं में एक-दुसरे का नाम तक नहीं लिया और सिर्फ दलों की नितियों पर अपनी बात रखी।

दोनों नेता कभी थे दोस्त और साथ में करते थे मंच साझा

भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद हैं तो कांग्रेस की ओर से सिने अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा। ये दोनों नेता कभी दोस्त थें, और एक हीं दल में थें और मंच भी साझा करते थे। आज एक-दुसरे के खिलाफ मैदान में हैं। कांटे की टक्कर में लोग अक्सर भाषा की मर्यादा भूल जाते हैं, जूबानें फिसलने लगती हैं। चुनावों के दौरान जनसभाओं और रैली से विकास और जनता से जूड़े मुद्दे गायब हो जाते हैं, और लड़ाई परवान चढ़ती है व्यक्तिगत मुद्दों पर।

दोनों नेताओं की शालीनता पुरे देश के लिए है सबक

ऐसे हालात में रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा का एक दूसरे के प्रति सियासी शालीनता पुरे देश के लिए एक सबक है। एक दूसरे का नाम लेने से भी परहेज पटना साहिब में दोनों प्रत्याशी लोकतंत्र के लिए एक बड़े उदाहरण के रूप में नजर आ रहे हैं। दोनों प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के दौरान कोई व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप नहीं हो रहा बल्कि एक-दुसरे को मित्रवत बताते हैं।

विगत दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का पटना में रोड शो हुआ और काफिला शत्रुघ्न सिन्हा के मोहल्ले से भी गुजरा और कांग्रेस नेता राहुल गांधी का रोड शो भी पटना के कई इलाकों से गुजरा परन्तु दोनों तरफ से किसी भी दल के कार्यकर्ताओं ने कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं किया।

जीत हार किसी की हो पर पटना साहिब की जनता के लिए है गर्व की बात

चुनाव के शुरूआत में हीं दोनो उम्मीदवारों ने एक-दुसरे को मित्र बताया और व्यक्तिगत किसी भी द्वेष से इन्कार किया था। जीत किसी की भी हो पर पटना साहिब की जनता इस बात से निश्चित हीं गौरवान्वित महसूस कर रही होगी इनके उम्मीदवारों ने लोकतंत्र को स्वच्छ रखकर पटना नाम रौशन किया है।

दल कोई भी हो पर रविशंकर प्रसाद और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे नेताओं के नक़्शे कदम पर यदि और नेता चलने लगे तो सचमुच भारत एक स्वच्छ लोकतंत्र में इतिहास बनाएगा।

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