‘नदिया के पार’ की ‘गुंजा’ – ब्लॉकबस्टर फिल्म की दीवानगी इस कदर थी कि लोगों ने अपनी बेटियों का नाम ही गुंजा रखना शुरू कर दिया था

‘नदिया के पार’ की गुंजा यानी साधना सिंह इस फिल्म से काफी प्रसिद्ध हो गई थीं। यूपी के छोटे से गांव के परिवेश पर बनी यह फिल्म दृश्यों के हिसाब से बेशक साधारण लगे, लेकिन लोगों के दिलों में इसने गहरी जगह बनाई थी।

इस फिल्म की हीरोइन साधना सिंह ने यह सोचा भी नहीं था कि वह कभी हीरोइन बनेंगी, लेकिन बहन के साथ एक फिल्म की शूटिंग देखने के लिए गई साधना सिंह पर सूरज बड़जात्या की नजर पड़ी और वह इस फिल्म की हीरोइन चुन ली गईं। साधना सिंह खुद भी कानपुर के एक छोटे से गांव नोनहा नरसिंह की रहना वाली हैं। उनकी मासूमियत के लोग इस कदर दीवाने हुए कि आज भी लोगों के जहन में वह मौजूद हैं। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई।

साधना जहां भी जातीं लोग उन्हें गुंजा कहकर पुकारते। शहरों के साथ-साथ गांवों में भी लोग उनसे मिलने के लिए भीड़ लगा लेते थे। उनके लिए दीवानगी इस कदर थी कि लोगों ने अपनी बेटियों का नाम ही गुंजा रखना शुरू कर दिया था।
‘नदिया के पार’ की शूटिंग जौनपुर एक गांव में हुई थी, कहा जाता है कि जब इस फिल्म की शूटिंग खत्म हुई थी तो उस गांव के लोग रोने लगे थे। गांव में शूटिंग के दौरान गुंजा और गांव वालों के बीच एक आत्मीय रिश्ता बन गया था। यह फिल्म 1 जनवरी 1982 को रिलीज हुई थी।

वैसे, साधना सिंह ने ‘पिया मिलन’, ‘ससुराल’, ‘फलक’, ‘पापी संसार’ सरीखी फिल्मों में काम किया, लेकिन एक दिन अचानक वह फिल्मों से गायब हो गईं और अपनी गृहस्थी में रम गईं। उन्होंने उस समय कहा था कि उन्हें जिस तरह के रोल चाहिए उस तरह की फिल्में नहीं बन रहीं।

बेशक- इस फिल्म की सफलता का ही असर था कि सूरज बड़जात्या की ‘हम आपके हैं कौन’ का आइडिया भी इस फिल्म पर ही बेस्ड था। जिसने सलमान खान और माधुरी दीक्षित को जोड़ी को रातों-रात हिट कर दिया।

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