दुर्घटना में बाल-बाल बचे अमित शाह, रथ से उतरते समय लड़खड़ा कर नीचे गिरे

(मध्यप्रदेश) : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को रोड़ शो के दौरान अशोकनगर के तुलसी पार्क में अपने रथ से उतरते समय पैर फिसलने से अचानक लड़खड़ा कर पैरों के बल नीचे गिर पड़े.

हालांकि, इस घटना में उन्हें कोई चोट नहीं आई है. रोड़ शो के अंतिम मुकाम तुलसी पार्क पर रथ से उतरते समय शाह का पैर फिसल गया और लड़खड़ा कर पैरों के बल नीचे जमीन पर गिर पड़े. गिरते ही वहां खड़े सुरक्षा गार्ड की मदद से तुरंत उठ खड़े हुए.

शाह ने अशोकनगर शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरने वाला यह रोड शो भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में किया था. करीब डेढ़ घंटे तक चले इस रोड शो के दौरान शाह का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया. बाद में शाह ने शिवपुरी जिले के करैरा में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित जनसभा में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल बाबा दिन में सरकार बनाने के सपने देख रहे हैं. उन्होंने कहा, राहुल बाबा, सपने देखना बुरी बात नहीं, लेकिन दिन में सपने मत देखो. देश में चुनाव का इतिहास उठाकर देख लो. वर्ष 2014 में जब से देश में (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी की सरकार आई है, हमने हर चुनाव जीता है. शाह ने कहा, मैं करेरा की जनता को बताना चाहता हूं कि देश में जहां-जहां भी चुनाव हुए, हर जगह से कांग्रेस गई और भाजपा आई है. अब मध्यप्रदेश की बारी है. दूरबीन से देखने पर भी देश के किसी राज्य में बमुश्मिल से कहीं कांग्रेस की सरकार दिखती है. शाह ने कहा कि कांग्रेस को चुनाव में ही किसानों की याद आती है. उन्होंने पूछा कि अरे राहुल बाबा आपको यह भी मालूम है कि आलू जमीन में होता है, या फैक्ट्री में होता है. जिसे ये नहीं मालूम कि आलू कहां होता है, वो कभी किसान का भला कर सकते हैं क्या. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में आपके सामने दो पार्टियां हैं. एक है भारतीय जनता पार्टी और दूसरी है कांग्रेस. भारतीय जनता पार्टी में सब कुछ तय है. हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शिवराज सिंह चौहान जी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ रहे हैं.भाजपा प्रमुख ने कहा, अब करैरा सहित प्रदेश के लोग कांग्रेस से पूछ रहे हैं कि राहुल बाबा आपका सेनापति कौन है. सभा में उपस्थित लोगों को ‘अबकी बार, 200 पार’ का संकल्प दिलाते हुए शाह ने कहा कि आने वाली 28 तारीख को मध्यप्रदेश में मतदान है. हमें सिर्फ सरकार बनाने के लिए जीत नहीं चाहिए. हमें ऐसी प्रचंड जीत चाहिए कि सामने वाले की बोलती बंद हो जाये.

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