इंसान के जीवन का एक कड़वा सच संघर्ष भी है, जिसे जन्म लेने के बाद से मरने तक सामना करना पड़ता है। इस संघर्ष भरे जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखने और सिखने को मिलते हैे। ये भी सच है कि इंसान के जीवन में संघर्ष नहीं तो जीवन असफल है। कभी-कभी इस संघर्ष भरे जीवन से उबकर लोग आत्महत्या भी कर लेते हैं, लेकिन ये रास्ता सही नहीं है। हमें सदैब जीवन के मुश्किलों का डटकर सामना करना चाहिए। ऐसे ही कुछ सकारत्मक सोच और पक्के इरादों को प्रोत्साहित करने का प्रयास युवा लेखक सागर सौरव द्वारा रचित पुस्तक “संघर्ष करते रहो” में किया गया है। सौरव ने अपने जीवन में किये गये संघर्ष और उसमें आने वाली कठिनाईओं को दर्शाया है। उन्होंने इस पुस्तक में यह भी बताया है कि निराश न होते हुए, कैसे अपने कर्म पथ पर अग्रसर चलते रहे। रचित पुस्तक में लेखक ने युवाओं को बतलाया है कि अपने अंतर्मन में कभी भटकाव न लाते हुए अपने कार्य में लगे रहना चाहिए। यह पुस्तक खासकर वैसे छात्र-छात्राओं और महिला-पुरुषो के लिए है, जो अपने कर्म पथ से विचलित होकर नशे के गिरफ्त में चले जाते हैं और आत्महत्या तक करने की गलती कर बैठते हैं। इस किताब में वैसे लोगों को समझाने की कोशिश की गई है कि ऐसी परिस्थितियों में विचलित न होकर अपने कार्य में लगे रहना चाहिए “सफलता खुद व खुद उनके पास आएगी। सागर सौरव कहते हैं कि इस ब्रह्मांड मेें चार व्यक्ति उनकेे पूज्य हैं। पिताजी, माताजी, उनके गुरु और आदर्श के रूप मेें उनके जीजाजी नीरज कुमार झा और प्यारी छोटी बहन मेघना। जिन्होंने मेरे सुख-दुख में पूरा साथ दिया और मुझे इन चार लोगों के अलावा जिवन में और कुछ भी नहीं चाहिए। ये चार लोग ही हमारे लिए अमूल्य हैं। आपको बता दें कि “संघर्ष करते रहो” किताब युवाओं को काफी आकर्षित कर रही है। इस किताब को पढने के बाद आपके अंदर एक अलग सी उर्जा आती है जो युवाओं को आगे बढ़ाने में सहायक है। यह किताब सिर्फ नई पीढ़ी के युवाओं के लिए ही नहीं आने वाले पीढ़ियों को भी शिक्षा देती है। अपने जीवन को कैसे उज्जवल बनायें, संघर्ष को कैसे विजय में परिवर्तित करें, ये सारी बातें इस किताब में लिखी गई है।
किताब को आप ऑनलाइन खरीद कर सकते. जिसका लिंक हम आपको नीचे दे रहे हैं.
लिंक > https://www.flipkart.com/sangharsh-kartey-raho/p/itmff2shturxg5ga?pid=9789387538184