(अनुभव की बात, अनुभव के साथ)
चुनाव हो और नेता एक दल से दूसरे दल में ना जाएं,ऐसा तो हो ही नहीं सकता।इसी कड़ी में जो एक नया नाम है वो है ‘बिहारी बाबू’ का। भाजपा छोड़ अब कांग्रेस के हो गए हैं बिहारी बाबू। जी हां, शत्रुघ्न सिन्हा अब कांग्रेस के हो गए।फिल्म अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा उर्फ बिहारी बाबू ने शनिवार को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।पिछले 28 वर्षों से शत्रुघ्न सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे।सांसद रहे और वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रहे। 1974 में जयप्रकाश नारायण के संपर्क में आने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा जन आंदोलन का हिस्सा बन गए। 1984 में शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और पार्टी के स्टार प्रचारक बन गए।1996 में पहली बार उन्हें राज्यसभा सांसद चुना गया।2002 में एक बार फिर वो राज्यसभा सांसद चुने गए।2003 में वाजपेयी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया, फिर जहाजरानी मंत्री और 16वीं लोकसभा में पटना साहिब से लोकसभा के लिए चुने गए।
एक समय था जब शत्रुघ्न सिन्हा की वजह से भारतीय जनता पार्टी की रैलियों में भीड़ जुटा करती थी।अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेता शत्रुघ्न सिन्हा का सम्मान करते थे। इसमें कोई दो राय नहीं कि शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी के लिए काफी कुछ किया।पार्टी को स्थापित करने में शत्रुघ्न सिन्हा के योगदान को कभी नहीं भूला जा सकता है।लंबे समय से शत्रुघ्न सिन्हा अपनी ही वर्तमान सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे थे।यह कहा जा सकता है कि भाजपा के नए रणनीतिकारों और सरकार की उपेक्षा से शत्रुघ्न सिन्हा काफी आहत महसूस कर रहे थे।वाजपेयी और आडवाणी के करीबी रहे शत्रुघ्न सिन्हा को भाजपा की वर्तमान मोदी सरकार ने कभी भी वह सम्मान नहीं दिया जिसके वो हकदार थे।शत्रुघ्न सिन्हा ने वर्तमान भाजपा को ‘टू मैन आर्मी’ और वर्तमान सरकार को ‘वन मैन शो’ बताया।शनिवार को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पिछले पाँच साल में उन्होंने लोकतंत्र को तानाशाही में तब्दील होते देखा है।साथ ही साथ शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा नेतृत्व पर मार्गदर्शकों को दरकिनार करने का भी आरोप लगाया है।ऐसा नहीं है कि शत्रुघ्न सिन्हा ने इंतजार नहीं किया, उन्होंने काफी इंतजार किया कि शायद भाजपा नेतृत्व उन्हें इतना विरोध के बावजूद भी पटना साहिब से टिकट दे दे। परंतु रविशंकर प्रसाद को टिकट की घोषणा के बाद शत्रुघ्न सिन्हा शायद पार्टी छोड़ने को विवश हो गए। खैर,जो भी हो, पार्टी के संबंध में यह उनके निजी विचार हैं। जैसा उन्होंने महसूस किया, उन्होंने कहा।अब शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के हो चुके हैं।पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और चंद घंटों में ही उन्हें पटना साहिब लोकसभा संसदीय क्षेत्र से टिकट मिलने की घोषणा भी हो गई।पटना साहिब से राजग के प्रत्याशी हैं,भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद।दोनों ने एक साथ लंबे समय तक भाजपा के लिए काम किया है।अब देखना है कि जनता किसे चुनकर संसद भेजती है। देखना है कि शत्रुघ्न सिन्हा का राजनीतिक भविष्य क्या होता है।