( रिपोर्ट – अनुभव )
मोकामा-बरहिया टाल क्षेत्र के किसान लगातार सरकार के उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं ।किसानों की हालत भूखे मरने की हो गई है।पिछले दो वर्षों से अनाज घर में पडा है।सादी-व्याह, इलाज, बच्चों की पढ़ाई जैसे काम अनाज बिकने के इंतजार में रुके हुए हैं।जानकारी के अभाव में मोकामा- बड़हिया टाल क्षेत्र के किसानों का प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए बर्बाद हो जा रहा है। इसको बचाने हेतु हो रहे प्रयास पर ध्यान नहीं देने के संदर्भ में मोकामा के किसानों ने भारत सरकार के ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव को पत्र लिख किसानों को मदद करने की गुहार लगाई है।किसान प्रतिनिधि चंदन कुमार ने किसानों की समस्या को बिंदुवार लिख एक-एक कर हर समस्या की ओर मंत्री का ध्यान आकृष्ट किया है।किसान प्रतिनिधि चंदन कुमार ने पत्र में लिखा है कि
मोकामा में राज्य स्तरीय दलहन अनुसंधान केंद्र होने के बावजूद यहां के किसानों को इससे कोई सीधा लाभ नहीं है ।यह केंद्र स्थानीय किसानों को खेती की विशेष जानकारी देने में असमर्थ रहा है। वर्तमान में यहां सिर्फ एक वैज्ञानिक ही पदस्थापित हैं ।चंदन कुमार ने मंत्री से आग्रह किया है कि यहां वैज्ञानिकों की संख्या बढ़ाई जाए एवं वैज्ञानिकों को खेतों में जाकर किसानों से मिल कर उनकी समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया जाए। गेंहू और मक्के की तरह दलहनी फसलों की कटाई के लिए भी यंत्र की व्यवस्था की मांग की है।
दलहनी फसलों के क्रय केंद्र की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए किसान लगातार मांग उठा रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं। राज्य सरकार के मंत्री के आश्वासन के बावजूद क्रय केंद्र की स्थापना नहीं हो पाई है।निश्चित रूप से राज्य सरकार इसके लिए गंभीर नहीं दिख रही है। तेलंगाना राज्य की तर्ज पर प्रदेश के किसानों को भी दस हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दिया जाए।
डीजल अनुदान राशि देने की प्रक्रिया को और आसान किया जाए, साथ ही साथ प्रत्येक दस हेक्टेयर पर राजकीय ट्यूबवेल लगाया जाए। राजकीय बीज गुणन क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने की मांग भी की, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज सस्ते दामों पर उपलब्ध हो सके।
उन्होंने माँग की कि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी से उन्नत प्रभेद के बीज एवं तकनीक को बाढ कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर के द्वारा किसानों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाए साथ ही साथ पशु चिकित्सक ,चारा विशेषज्ञ एवं डेयरी विशेषज्ञ का कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर में पदस्थापन सुनिश्चित करने की मांग भी की। जिससे कि राज्य के किसानों की आय बढ़ सके और राज्य के किसान भी राज्य की प्रगति में अपना योगदान कर सकें।