मुख्यमंत्री ने की पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

पटना, 03 जनवरी 2018:-
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुयी। बैठक में पुलिस विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री से प्राप्त निर्देश के आलोक में इस बैठक में मुख्य रुप से मद्य निषेध और थानावार अपराध से संबंधित विषयों पर चर्चा की गयी।
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प्रथम प्रस्तुतीकरण मद्य निषेध का दिया गया, जिसमें अब तक की सभी उपलब्धियों की बिंदुवार जानकारी दी गई। वर्ष 2017 में केस में तीन गुना वृद्धि हुई, साथ ही साथ गिरफ्तारी में भी चार गुणा वृद्धि दर्ज की गयी। देशी शराब एवं विदेषी शराब की बरामदगी में भी कई गुणा वृद्धि हुयी है। मुजफ्फरपुर जोन में ज्यादा शराब की बरामदगी हो रही है। थाने में जब्त किए गए शराब एवं इससे संबंधित चीजों के विनष्टीकरण में तीव्र गति लाने की जरुरत जताई गई, जिसके लिए जिला समाहर्ता की ज्यादा भूमिका है। मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव गृह एवं मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग श्री आमिर सुबहानी को इस पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों की पहचान के लिए पुलिस विभाग ने चार श्रेणी बनायी है। प्रथम श्रेणी आपूर्तिकर्ता गिरोह हैं, दूसरी श्रेणी भंडारण गिरोह है, तीसरी श्रेणी वितरणकर्ता गिरोह है, जबकि चैथी श्रेणी लोकल रिसीवर गिरोह की है। इन सभी लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है। राज्य में बाहर से आने वाले शराब की जानकारी दी गई, उसमें मुख्य रुप से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पष्चिम बंगाल, नॉर्थ-ईस्ट एवं उत्तरी सीमा से सटे नेपाल शामिल हैं। अफीम की अवैध खेती के बारे में बताया गया कि यह गया, जमुई, नवादा के जंगलों में ज्यादा होता है, खासकर झारखंड बॉर्डर एरिया और नक्सल प्रभावित इलाकों में। पकड़े गए अफीम को जलाया जाता है, इसके लिए अक्टूबर माह से जन जागरण अभियान चलाया गया है। आई0जी0 मद्य निषेध के पदस्थापन के बाद यह सुझाव आया कि 24X7 चेकपोस्ट लगाने की जरुरत है। शराब से लदे वाहनों की चेकिंग के लिए आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल के बारे में जोर दिया गया। टेट्रा पैकिंग के माध्यम से आ रही आपूर्ति को रोकने के बारे में कहा गया कि यह आसान है क्योंकि यह सीमित जगहों पर होता है, जो आसानी से पकड़ में आ जायेगा। आर्मी वालों को शराब आपूर्ति के लिए रामगढ़ से दानापुर (पटना) का सिंगल रुट है, जिसमें उसके लिए आर्मी का डिजिटल लॉक, स्कॉर्ट जरुरी है। अगर आर्मी के नाम पर दूसरा कोई भी इस तरह का कार्य करता है और इस रुट के अलावे दूसरे किसी रुट पर सप्लाई होता है तो उसे आसानी से पकड़ा जाता है।
बैठक में मेजर रोड पर सी0सी0टीवी कैमरा, आॅटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग लगाने के संबंध में भी चर्चा हुयी। मुख्यमंत्री ने निर्देष दिया कि जिन मुख्य सड़कों पर यह जरूरी है, उसका विष्लेषण करके इसे लगवाया जाय। यह मद्य निषेध के साथ-साथ अपराध नियंत्रण में भी उपयोगी साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक गाॅवों में ट्रांसफार्मर वाले खंभे पर पुलिस और मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग का नंबर अंकित कराया जाय, इसमें षिकायतकर्ता के नाम का खुलासा नहीं होगा। शिकायतकर्ता के फोन आने पर तुरंत कार्रवाई हो, शिकायतकर्ता के फोन आने पर कार्रवाई करने का रेस्पांस टाइम निर्धारित हो। सूचना तंत्र में चौकीदार को भी शामिल किया जाय और चौकीदार को भी उत्तरदायी बनाया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध रूप से शराब के कारोबार करने वालों में फ्रंट की गिरफ्तारी तो हो जाती है, किंग पिन नहीं पकड़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनमत आपके पक्ष में है, इस अवैध व्यवसाय में संलिप्त बड़े आपूर्तिकर्ताओं एवं माफियों को चिह्नित कर पकड़ना होगा और उनके सारे सिस्टम को ध्वस्त करना होगा। अगर दस-बीस आपूर्तिकर्ता पकड़े गये तो यह अवैध धंधा स्वतः ध्वस्त हो जायेगा। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक सुधार का मुख्य बिन्दू है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के पूर्व लोग शराब पिकर अपनी सारी कमाई उड़ा देते थे, आज वही पैसा दूसरे काम में लग रहा है, इससे ग्रोथ रेट भी बढ़ेगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मद्य निषेध कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध बिहार, पटना के कार्यालय को आवश्यक मानव एवं भौतिक संसाधनों से लैश किया जाय। पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध बिहार, पटना को आसूचना संकलन, संग्रहण एवं फीडबैक आदि संबंधित व्यवस्था के लिये आई0टी0 विभाग द्वारा आधारभूत संरचना का निर्माण सुनिश्चित हो। उन्होंने निर्देष दिया कि अवैध शराब के व्यवसाय में संलिप्त लोगों, असामाजिक तत्वों एवं अपराधियों के विरूद्ध अनुसंधान, गिरफ्तारी, आरोप पत्र, विचारण की कार्रवाई त्वरित ढ़ंग से कराना सुनिश्चित किया जाय एवं उनके द्वारा इस प्रकार के व्यवसाय से अर्जित संपति का अधिहरण/राज्यसात किया जाय। उन्होंने निर्देष दिया कि उत्पाद विभाग द्वारा अनुसंधानित काण्डों का पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध द्वारा सघन अनुश्रवण किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राजमार्ग एवं जिला की मुख्य सड़कों पर अपराध नियंत्रण एवं शराब लदे वाहनों पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु सी0सी0टीवी का अधिष्ठापन एवं अन्य आवष्यक तकनीक की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि मद्य निषेध को प्रभावी ढ़ंग से लागू करने में लापरवाही बरतने वाले एवं संलिप्तता रखने वाले पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाय।
मुख्यमंत्री ने अपराध संबंधी प्रस्तुतीकरण देखने के उपरांत कहा कि अपराध नियंत्रण हेतु सभी जिलों के अपराध प्रभावित थानों की पहचान स्थापित की जा चुकी है। उन्होंने निर्देष दिया की अपराध नियंत्रण हेतु अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा संकलित आॅकड़ों को संबंधित जिलों में भेजकर पुलिस अधीक्षक से काण्डों के संबंध में की गयी कार्रवाई की जानकारी प्राप्त की जाय। उन्होंने निर्देष दिया कि पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक और अपर पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपाधिक्षक स्तर के पदाधिकारियों को विडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अलग -अलग बैठक आयोजित कर अपराध नियंत्रण हेतु चिह्नित थाना क्षेत्रों में विशिष्ट कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
बैठक में पुलिस महानिदेषक श्री पी0के0 ठाकुर, विकास आयुक्त श्री शिशिर सिन्हा, प्रधान सचिव गृह एवं मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय श्री एस0के0 सिंघल, अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था श्री आलोक राज, पुलिस महानिरीक्षक, विशेष शाखा एवं आर्थिक अपराध इकाई श्री जे0एस0 गंगवार, पुलिस महानिरीक्षक श्री पारसनाथ, पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध श्री रत्न संजय सहित अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह मौजूद थे।
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