इंटरनैशनल बॉक्सिंग असोसिएशन ने भारतीय महिला बॉक्सर सरिता देवी पर एक साल का बैन और एक हजार स्विस फ्रैंक का जुर्माना लगाया है। एक साल की पाबंदी से साफ है कि सरिता देवी 2016 के रियो ओलिंपिक में हिस्सा ले पाएंगी। इंचन एशियाई खेलों में सेमीफाइनल में विवादित तरीके से हारने के बाद सरिता ने पोडियम पर मेडल लेने से इनकार कर दिया था। उन्हें इसी अनुशासनहीनता की सजा एआईबीए ने दी है। एआईबीए ने भारत के विदेशी बॉक्सिंग कोच बी आई फर्नांडिस पर भी दो साल के लिए प्रतिबंध लगाया है, लेकिन नैशनल कोच जी एस संधू प्रतिबंध से बच गए हैं। इंचन एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में हारने के बाद सरिता देवी को कांस्य पदक मिला था, लेकिन जब उनके गले में मेडल पहनाने की बारी आई तो उन्होंने इसे पहनने से इनकार करते हुए मेडल हाथ में ले लिया। इसके बाद उन्होंने अपना मेडल कोरियाई खिलाड़ी पार्क जीना के गले में डालने की कोशिश की। कोरियाई खिलाड़ी ने जब उनका मेडल वापस किया तो उन्होंने मेडल को वापस विनिंग स्टैंड पर रख दिया। सेमीफाइनल में पार्क जीना से ही उन्हें पराजित घोषित किया गया था।
उनके इस व्यवहार के कारण एआईबीए काफी नाराज था और उसने सरिता देवी को सजा देने का मन बना लिया था। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद सरिता देवी ने अपना मेडल स्वीकार कर लिया था और अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी थी। भारत में सरिता देवी को आजीवन प्रतिबंध से बचाने के लिए सचिन तेंडुलकर समेत कई खिलाड़ी सामने आए थे। खेलमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भी सरिता देवी को आजीवन प्रतिबंध से बचाने के लिए पहल की थी। उसके बाद आज एआईबीए का यह फैसला आया है।