कोरोना से बचने के लिए तीन मूल मंत्र दिए गए हैं , मास्क ( mask ) लगाना है , हाथ साफ करना है और सुरक्षित दूरी बना कर रखनी है । ये इसलिए जरूरी है कि अगर वायरस म्यूटेट ( mutate ) होकर भी आए तो भी हम संक्रमण से बचे रहें । हालांकि अब एक और मंत्र जुड़ गया है वो है वैक्सीन लगवाना जरूरी है । इन चारों मंत्रों का पालन सभी को करते रहना है ।
जब और वैक्सीन आ जायेंगी तब आम आदमी को कौन सी वैक्सीन लेनी होगी ?
आम आदमी को इस बारे में बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है , क्योकि सरकार की ओर से वैक्सीन की पूरी प्लानिंग ( plannig ) कर ली गई है । अगर कभी वायरस म्यूटेट ( mutate ) होकर आता है , तो कौन सी वैक्सीन उसके लिए कारगर होगी इसकी जानकारी भी सरकार देगी । वैसे भी आज के समय में भारत में ये सभी चीजें पारदर्शी तरीके से की जाती हैं , इसलिए अपना नंबर आने तक धैर्य रखें ।
वैक्सीन लगने के बाद कितने दिन तक एंटीबॉडी ( antibodies ) शरीर में रहेंगे ?
अभी इस बारे में कुछ भी निश्चित नहीं है कि वैक्सीन से बनने वाले एंटीबॉडी शरीर में कितने दिन तक रहेंगे । अभी तक जो ट्रायल ( trial ) हुए हैं , उनमें जिन्हें अक्टूबर में वैक्सीन लगी थी , उनमें 4 महीने बाद भी एंटीबॉडी मौजूद हैं । अभी ये कुछ महीने और रह सकते हैं या 6 महीना या हो सकता है एक साल तक । यह भी संभव है कि कुछ महीने बाद ये खत्म हो जाएं या शरीर में पुन : अपने आप एंटीबॉडी बन जाएं ।
वैक्सीन के लिए नंबर आने में समय है तो इम्यूनिटी ( immunity ) बढ़ाने के लिए क्या करें ?
जी हां , अभी आम लोगों तक वैक्सीन पहुंचने में 2-3 महीने लग सकते हैं । इसलिए तब तक लोगों को अपना बहुत ज्यादा ध्यान रखना है । पहले तो कोरोना के नियमों का पालन करना है , उसके बाद संतुलित और ताजा आहार लेना है , अच्छी नींद लें और व्यायाम करें । एक तरह से अपनी लाइफस्टाइल को सुधारें । इससे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ती ही है । इन बातों का ध्यान रखेंगे तो स्वस्थ रहेंगे ।
इम्यूनिटी ( immunity ) घटती कैसे है , जो बार – बार उसे बढ़ाना पड़ता है ?
इम्यूनिटी तब घटती है जब हम संतुलित आहार नहीं लेते हैं । दूसरा अगर शरीर में उचित मात्रा में पानी नहीं है , काम के चक्कर में पानी पीना भूल जाते हैं या दिन भर में एक गिलास पानी ही पीकर रह जाते हैं , तो शरीर कमजोर होता है और इम्यूनिटी घटती है । ज्यादा स्ट्रेस ( stress ) लेने से नींद नहीं आती है , दिनचर्या ठीक नहीं रहती है । इन कारणों से भी शरीर की इम्यूनिटी कम होती है और कोई भी बीमारी या वायरस असानी से हमला कर देता है ।
दोनों डोज लिए 6 महीने हो चुके हैं तो क्या अब एंटीबॉडी ( antibodies ) चेक कराने होंगे ?
जिन लोगों ने क्लिनिकल ट्रायल ( clinical trial ) में वैक्सीन ( vaccine ) लगवाई थी उन्हें 6 महीने हो चुके होंगे , लेकिन फिलहाल एंटीबॉडी टेस्ट ( antibodies test ) कराने की जरूरत नहीं है । कई लोग सोचते हैं कि क्या दोबारा वैक्सीन लगवानी पड़ेगी ? उनके लिए कहना चाहूंगा कि अभी तक हुए शोध के अनुसार दोबारा वैक्सीन की जरूरत नहीं है । अभी फेज वन चल रहा है और हमारे देश में वायरस का नया स्ट्रेन ( strain ) भी नहीं आया है , इसलिए अगर वैक्सीन लगवा चुके हैं तो निश्चिंत रहें । हां , वैक्सीन लग चुकी है तो भी कोरोना के नियमों का पालन जारी रखें।