- मानवाधिकार के क्षेत्र में शानदार काम के लिये इंडियन एचीवर्स फोरम ने दिया यह लाइफटाइम अवार्ड
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इंडियन एचीवर्स फोरम,नई दिल्ली ने प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन-एचआरयूएफ के चेयरमैन विशाल रंजन दफ्तुआर को मानवाधिकार के क्षेत्र में वर्ष 2021-22 के अति प्रतिष्ठित “ग्लोरी आफ इंडिया अवार्ड” से सम्मानित किया है। इंडियन एचीवर्स फोरम के 22 साल के इतिहास में मानवाधिकार के क्षेत्र से सम्मानित होनेवाले मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर पहली शख्सियत हैं।इस अवार्ड के साथ उन्हें सर्टिफिकेट और ट्राफी प्रदान किया गया है।अतीत में आईपीएस किरण बेदी,ओलम्पियन सुशील कुमार,उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कई शख्सियतों को इंडियन एचीवर्स अवार्ड मिल चुका है।
इंडियन एचीवर्स फोरम(आईएएफ) अलग-अलग 20 से ज्यादा केटेगरी में अवार्ड प्रदान करता है।”ग्लोरी आफ इंडिया अवार्ड” आईएएफ का सबसे प्रतिष्ठित अवार्ड है।यह एक तरह से लाइफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड है।इसमें 30 सालों के अनुभव और उपलब्धियों को देखा जाता है।विशाल दफ्तुआर के हाल की चार ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां और पूर्व के मानवाधिकार के क्षेत्र में किये गये कई अभूतपूर्व कार्यों ने अवार्ड ज्यूरी को बेहद प्रभावित किया।
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में स्थापित इंडियन एचीवर्स फोरम के मुख्य संरक्षक सुनील शास्त्री हैं जो पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे हैं।इसके निर्णायक मंडल में देश-विदेश के अलग-अलग क्षेत्रों के कई प्रतिष्ठित लोग शामिल हैं।भारत सरकार का भी समर्थन प्राप्त है।
एनएचआरसी के सेक्रेट्री जनरल भी कर चुके हैं विशाल दफ्तुआर के काम की तारीफ
पिछले साल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली के सेक्रेट्री जनरल विम्बाधर प्रधान ने भी विशाल दफ्तुआर को मानवाधिकार के क्षेत्र में उनके ऐतिहासिक अंतर्राष्ट्रीय कार्यों के लिये फोन करके बधाई दे चुके हैं और नई दिल्ली आने पर मुलाकात करने का आमंत्रण भी दे चुके हैं।
पदम पुरस्कार की दौड़ में भी शामिल थे विशाल दफ्तुआर
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार के लिये जाने जानेवाले विशाल दफ्तुआर ने रिहाई के चार ऐतिहासिक मामलों की जबरदस्त सफलता के बाद अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। इस साल पदम पुरस्कार की दौड़ में भी शामिल थे विशाल दफ्तुआर। उनका नामांकन करनेवाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों में पूर्व केन्द्रीय गृहमंत्री सुबोध कांत सहाय और पूर्व राज्य सभा सदस्य आर. के. सिन्हा प्रमुख हैं।
चीफ जस्टिस आफ इंडिया से भी हो चुके हैं सम्मानित
दफ्तुआर को 1999 में गोल्ड मेडल,वर्ष 2000 में ह्यूमन राइट्स मिलेनियम अवार्ड एवं 2001 में वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स प्रमोशन अवार्ड भी मिल चुका है।
उन्हें चीफ जस्टिस आफ इंडिया जस्टिस रंगनाथ मिश्र,गाँधीवादी नेता और पूर्व राज्यपाल सी. सुब्रमण्यम और यूरोपीय यूनियन के भारत में ऐम्बैसडर(विदेशी मंत्री पद के बराबर) माइकल कैलियोट जैसी शख्सियतें भी सम्मानित कर चुकी हैं।