कौआ बिरयानी वाले 57 साल के विजय राज मुसीबत में हैं। अभिनेता विजय राज ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप पर चुप्पी तोड़ी है। 2 नवंबर को देर रात गोंडिया पुलिस ने विजय राज को गिरफ्तार किया था। पिछले दिनों शेरनी के सेट पर एक कलीग से छेड़छाड़ के आरोप में उन्हें गोंदिया में अरेस्ट किया गया था, बाद में जमानत मिल तो गई लेकिन अब उनका 23 साल का फिल्मी कॅरियर दांव पर है। आरोपों पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की जांच से पहले ही आने वाली फिल्मों से निकाल देना हैरान करने वाला है।
बॉम्बे टाइम्स के अनुसार फिल्म की एक क्रू सदस्य, जो कि फिल्म की शूटिंग शुरू होने से लेकर यह वाक्या होने तक वहीं थीं, कहती हैं, “हमें जो कहना था हमने कह दिया है। पुलिस को सब कुछ बता दिया गया है। कानून अपना काम करेगा और लोगों को न्याय मिलेगा।”
विजय राज कहते हैं, “इस क्रू के साथ मैं पिछले एक साल से काम कर रहा हूं। हम सेट पर क्रिकेट खेलते हैं। हम साथ में ऐसे रहते हैं। फिर भी जब मुझे बताया गया कि वह असहज थीं, मैंने माफी मांग ली। यह सारी क्रू के सामने हुआ था। मेरी माफी का यह मतलब था कि मैं आपकी भावनाओं को समझता हूं। लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं कि मैं पुलिस स्टेशन में आपके लगाए आरोपों को स्वीकार करता हूं। माफी मांगने का यह मतलब यह नहीं कि आप गलत हैं। इसका मतलब यही है कि आप किसी की भावनाओं की कद्र करते हैं।
बॉम्बे टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में विजय राज ने पिछले दिनों खुद पर बीता हर लम्हा शेयर किया है। वे कहते हैं- वीमन सेफ्टी आज सबसे अहम है। मेरी अपनी 21 साल की बेटी है इसलिए मैं हालात की गंभीरता जानता हूं। मैं हर तरह की जांच के लिए तैयार हूं। मेरे पास शब्द नहीं हैं। यह हालात खतरनाक हैं। मैंने इंडस्ट्री को 23 साल दिए हैं। कॅरियर बनाने बहुत मेहनत की है। तिनका-तिनका जोड़कर घर बनाया है। क्या कोई भी किसी के कॅरियर को नुकसान पहुंचा सकता है? किसी ने बोल दिया और आपने मान लिया कि मैंने शोषण किया। विजय आगे कहते हैं- सब दूसरे पक्ष की बात जाने बिना ही नतीजे निकाल लेते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि केस का फैसला क्या होता है। लेकिन तब तक आपके ऊपर एक ठप्पा लग जाता है। जांच से पहले ही मुझे आरोपी बना दिया गया। मेरी रोज़ी-रोटी पर असर पड़ा है तो क्या मैं विक्टिम नहीं हूं? दिल्ली में रहने वाले मेरे बूढ़े पिता और मेरी बेटी दोनों ने सोसायटी को कैसे फेस किया होगा। ये कोई नहीं सोचता।