पटना 15 दिसम्बर 2020:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वैशाली में निर्माणाधीन बुद्ध स्मृति स्तूप एवं बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का निरीक्षण किया। कार्यस्थल पर मुख्यमंत्री के समक्ष बुद्ध स्मृति स्तूप एवं बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय के मास्टर प्लान की प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री ने बुद्ध स्मृति स्तूप, अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय, निर्माणाधीन पार्क, विजिटर गैलरी एवं अन्य निर्माण कार्यो का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को कई निर्देश दिये।
निरीक्षण के पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुद्ध सम्यक संग्रहालय का शिलान्यास हम पहले ही कर चुके हैं। इसके निर्माण को लेकर पहले ही निर्णय लिया जा चुका है। बुद्ध स्मृति स्तूप जो पटना म्यूजियम में रखा हुआ है, यह वैशाली से मिला है। दुनिया भर में जितने बौद्ध धर्मावलंबी हैं या भगवान बुद्ध की सब चीजों को जानते हैं उनके लिये वैशाली ही एक ऐसी जगह है, जहां से भगवान बुद्ध के अंतिम संस्कार के बाद जो चीजें मिली हैं, वे उनके लिये ऑथेंटिक मानी जाती है। बुद्ध स्मृति स्तूप पत्थर के बनाये जा रहे हैं ताकि लंबे समय तक कायम रह सके। लोग वैशाली के इतिहास को जानने के साथ ही यहाॅ पायी गयी चीजों को बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय में देख सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में विदेशों से पर्यटक बोधगया और राजगीर आते हैं। वैशाली को इससे लिंक करने से यहां भी बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आयेंगे। वैशाली को बौद्ध सर्किट से जोड़ने के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार का भी सहयोग मिल रहा है। यहां जब बुद्ध स्मृति स्तूप बन कर तैयार हो जाएगा तो पर्यटक सिर्फ बोधगया में आकर ही नहीं लौटेंगे बल्कि वैशाली भी आयेंगे। बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुयी थी तो वैशाली का भी बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए बहुत महत्व है। इसी दृष्टिकोण से हमलोग बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय और स्मृति स्तूप का निर्माण करवाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण यहां निर्माण कार्य अवरूद्ध था, जो फिर से शुरु हो गया है, इसी का हम जायजा लेने आए हैं। इसका निर्माण कार्य तेजी से हो यह जरुरी है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि अगले वर्ष के अंत तक सारे काम जरुर पूरे कर लिये जायंेगे। कोविड वैक्सीन आने के बाद बड़ी संख्या में टूरिस्ट एक बार फिर से पर्यटन स्थलों पर पहले की तरह आने लगेंगे। वैशाली का अपना ऐतिहासिक महत्व है। इस स्थल का भगवान बुद्ध के साथ-साथ भगवान महावीर से भी रिश्ता है।
उन्होंने कहा कि वैशाली का पुराना इतिहास है। यहां के तालाब का भी ऐतिहासिक महत्व है। इसका भी पुनसर््थापन कराया जा रहा है। पहले हम जब यहां आये थे तो सब लोगों ने कहा कि तालाब में पानी नहीं रहता है। इसको लेकर जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया गया है कि ऐसी व्यवस्था करें कि तालाब में हमेशा पानी माौजूद रहे। तालाब को एक से दो मीटर और गहरा किया जायेगा जिससे यहां सालों भर पानी रहे। इस तालाब का ऐसा ऐतिहासिक महत्व था कि लोग इसमें स्नान करने के बाद ही कार्यक्रम में बैठते थे। उसी को ध्यान में रखकर इसका पुनसर््थापन कराया जा रहा है। हमलोगों की इच्छा है यहां चल रहे निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण हांे ताकि अधिक से अधिक संख्या में यहां पर्यटक आ सकें। उन्होंने कहा कि वैशाली के विकास के संबंध में स्व0 रघुवंश बाबू से भी चर्चा होती थी।
निरीक्षण के दौरान कला संस्कृति एवं युवा मामलों के मंत्री मंगल पांडेय, विधायक सिद्धार्थ पटेल, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, प्रधान सचिव जल संसाधन चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, वैशाली की जिलाधिकारी उदिता सिंह सहित अन्य वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।