केंद्र सरकार ने सभी केंद्रशासित प्रदेशों और राज्यों को वैक्सीन संबंधित जो नया सर्कुलर जारी किया है या यूँ कहें कि संशोधित सर्कुलर जारी किया है में स्पष्ट किया है कि जिन लोगों को कोविशील्ड का दूसरा डोज दिया जाना है उनको 12 से 16 सप्ताह के बीच दिया जाएगा। बावजूद जिन लोगों ने अपना शेड्यूल पहले ही ले रखा है उनके निबंधन को रद्द नहीं किया जाएगा और यदि वे वैक्सिनेशन सेंटर पर आते हैं तो उनका टीकाकरण अवश्य किया जाए। इसके बाद भी गत रविवार से ही पूर्व में किए गए निबंधन का निरस्तीकरण लगातार जारी है। आश्चर्य वाली बात यह है कि कोविशील्ड के लिए किए गए दूसरे डोज के निबंधन को तो रद्द किया ही गया है साथ ही साथ कोवैक्सिन के निबंधन को भी रद्द कर देने की खबरें आ रही है।
जहां तक नए सर्कुलर की बात है तो पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने भी संबंधित अधिकारियों को यह स्पष्ट किया है कि किसी भी हालात में पूर्व में निबंधित कोविशील्ड के दूसरे डोज लेने वालों को वापिस नहीं किया जाए। पंरतु निबंधन का निरस्तीकरण किया जाना इन दावों को चुनौती देता है। ऐसे मामले सिर्फ पटना में ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में है।
ध्यान रहे कि पूर्व में कोविसील्ड का दूसरा डोज 42 से 56 जबकि कोवैक्सीन का 28 से 42 दिनों के बीच में ले लिया जाना था। परंतु नए सर्कुलर में कोविशील्ड के दूसरे डोज को अब 12 से 16 सप्ताह के बीच दिए जाने का आदेश दिया है। इससे टीकाकरण कराए हुए लोगों के बीच यह अवधारणा बन गई है कि टीके की कमी के कारण नया सर्कुलर जारी किया गया है।
सरकार ने इन आरोपों से निजात के लिए यह स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व में किए गए निबंधन को रद्द नहीं किया जाएगा। कोवैक्सीन के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है। पंरतु कोविसील्ड के साथ साथ कोवैक्सिन के निबंधन को भी रद्द कर दिए जाने से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। विभिन्न टीका केंद्रों पर ऊहापोह की स्थिति है। जिन लोगों को वापिस किया जा रहा है हंगामा मचा रहे हैं।
मछुआटोली गोवर्धन मार्केट निवासी मनोज कुमार ने बताया कि बामुश्किल तो निबंधन प्राप्त हुआ था और उसे भी बिना पूर्व सूचना के निरस्त किया जाना ठीक नहीं है। इससे अविश्वास पैदा होता है। बिहार सरकार के संबधित पदाधिकारियों को अतिशीघ्र इसे स्पष्ट करते हुए उत्पन्न असमंजस की स्थिति को समाप्त करने का प्रयास करना होगा।
पटना से सुजीत कुमार की रिपोर्ट