केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि असम के आर्थिक विकास के लिए डिब्रूगढ़ नदी बंदरगाह की भूमिका ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है।
पर्यटन क्षेत्र की परियोजनाओं का किया निरीक्षण
केंद्रीय बंदरगाह, जहाज परिवहन और जलमार्ग मंत्री तथा केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को डिब्रूगढ़ स्थित बोगीबील के समीपवर्ती ब्रह्मपुत्र नद के दक्षिण छोर का दौरा किया। उसके अलावा उन्होंने प्रस्तावित कार्गो टर्मिनल के साथ पर्यटन क्षेत्र की परियोजनाओं के विभिन्न पहलुओं का निरीक्षण किया।
गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करना है लक्ष्य
इस संदर्भ में केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा कि डिब्रूगढ़ कभी भारत के मानचित्र पर एक अहम नदी बंदरगाह के रूप में प्रसिद्ध था। इस क्षेत्र के मोहना घाट से ब्रह्मपुत्र नद व बंगाल की खाड़ी से देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय रूप से उत्पादों को भेजा जाता था और यहां तक लाया जाता था। उन्होंने कहा कि बाद के समय में इस बंदरगाह के द्वारा आयात, निर्यात करना बंद हो गया। केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा कि डिब्रूगढ़ के पूर्व गौरवशाली अध्याय को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
विकास का एक नया दौर हुआ शुरू
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य के आर्थिक विकास के लिए डिब्रूगढ़ नदी बंदरगाह की भूमिका ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के मजबूत नेतृत्व में एक्ट ईस्ट पॉलिसी के माध्यम से असम और पूर्वोत्तर राज्यों में वर्तमान समय में यातायात व्यवस्था आसान हो गयी है। इस पूरे क्षेत्र में विकास का एक नया दौर शुरू हो गया है। जलमार्ग के द्वारा व्यापार और वाणिज्य की दृष्टि से आयात-निर्यात के मामले में यह इलाका सबसे आगे रहा है। जलमार्ग हमेशा एक आसान और अपेक्षाकृत सस्ता साधन है।
भारत और बांग्लादेश के बीच समझौते से बढ़ेगा व्यापार
केन्द्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत-बांग्लादेश के बीच ब्रह्मपुत्र और बराक नदी द्वारा बांग्लादेश के मंगला और चिटागांग बंदरगाह के माध्यम से विभिन्न सामग्रियों का आयात और निर्यात करने के लिए भारत और बांग्लादेश के बीच एक समझौता किया गया है।
युवा पीढ़ी के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
इससे स्थानीय उत्पादों को विश्व बाजार में पहुंचाया जा सकता है। ब्रह्मपुत्र के तट पर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने की भी व्यवस्था की गई है। जोगीघोपा में इसका काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ गुवाहाटी, पांडू, धुबरी में ब्रह्मपुत्र से यातायात व्यवस्था सुगम करने के लिए नदी बंदरगाह निर्माण करने के लिए कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि कार्गो और यात्री परिवहन सुविधा के लिए डिब्रूगढ़ में भी इस प्रकार बंदरगाह निर्माण बनाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री की गति शक्ति के तहत प्रस्तावित उपायों के क्रियान्वयन से आर्थिक गति तेज होगी तथा युवा पीढ़ी के लिए रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा।
पर्यटन की संभावनाओं को भी मिलेगा बल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ब्रह्मपुत्र के जरिए पर्यटन की संभावना को देखते हुए पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के लिए उपयुक्त व्यवस्था किया जाएगा। सागरमाला परियोजना के द्वारा मल्टी मॉडल के विकास के साथ विभिन्न आधारभूत ढांचा और पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने की व्यवस्था किया गया है। आज के इस कार्यक्रम में मंत्री सोनोवाल के साथ केंद्रीय बंदरगाह, जहाज परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधिकारी, असम सरकार के अंदर देसी जल परिवहन विभाग के प्रधान सचिव केके द्विवेदी तथा अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ पूर्वोत्तर सीमा रेलवे के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता और रेलवे के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।