पटना 29 मार्च केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आह्वान पर केंद्र एवं राज्य सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ बिहार के विभिन्न जिलों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक संगठनों ने हड़ताल एवं प्रदर्शन कर दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन इसे पूर्ण सफल बताया है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के बिहार बिहार के नेतृत्व में संबंध श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्टेशन गोलंबर से डाकबंगला चौराहे तक मार्च किया और सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर केंद्र राज्य सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की एवं रास्ते पर बैठकर आम सभा में शामिल हो पाए।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए इंटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष- सह-प्रदेश अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार ने कल कारखानों एवं अन्य संस्थानों में काम करने वाले कर्मियों की नौकरी की सुरक्षा समाप्त कर प्रबंधन को या अधिकार दे दिया है कि जब चाहे किसी को काम से हटा सकते हैं इतना ही नहीं 135 वर्ष पूर्व हासिल किए गए कार्य अवधि के अधिकार को भी इस सरकार ने समाप्त कर इसे 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है। औद्योगिक नियोजन स्थाई आदेश अधिनियम 1946 एवं इसके नियमावली में संशोधन कर नियमित रोजगार के बदले कुछ फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयमेंट को स्थापित किया गया है। इस बदलाव का व्यापक प्रभाव देश के नियमित रोजगार पर पड़ेगा और आने वाले समय में रोजगार की सुरक्षा नहीं रह जाएगी।
श्री सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा देश की प्रमुख नवरत्न कंपनियों के अतिरिक्त रेल कोयला बैंक बीमा आदि को बेचने अथवा निजी करण के रास्ते पर ले जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मजदूरों के संघर्ष के बाद कोयला एवं बैंक आदि उद्योगों को निजी क्षेत्रों से मुक्त कराकर राष्ट्रीयकरण किया गया था अब मोदी सरकार इन सब को पुनः निजी हाथों में सुपुर्द कर रही है।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार महंगाई उद्योगपतियों एवं बेरोजगारी का विकास कर रही है। सरकार ने अपने विभागों एवं लोक उपक्रमों में स्थाई रोजगार को धीरे-धीरे समाप्त कर इसे तेजी से कॉन्ट्रैक्ट, कैजुअल, आउट सोर्स, टर्म नियोजन, संविदा एवं दैनिक पारिश्रमिक के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। इसे अधिकांश कार्यों में रोजगार की गारंटी समाज सुरक्षा, न्यूनतम मजदूरी एवं सेवा शर्तें आदि कुछ भी सुनिश्चित नहीं है।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार जिस तरह से मजदूरों के हक एवं अधिकार को दबाने की के लिए एक तरफा कानूनों में बदलाव कर रही है इसे ध्यान में रखकर लंबी लड़ाई की रणनीति पर केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने तैयारी प्रारंभ कर दी है।
इस अवसर पर इंटक की ओर से महामंत्री नंदन मंडल संगठन, मंत्री अखिलेश पांडे, पी के सिंह, राज मोहर सेन, रंजीत कुमार, के.के. कश्यप, प्रभात कुमार सिन्हा, संगीता गुप्ता, कुमार पवन, कुमार दिनेश पांडे आदि भी उपस्थित थे।