बिहार पत्रिका /पारस नाथ -पटना, 5 दिसंबर 2019: बिहार से टीबी उन्मूलन के लिए टीबी चैंपियंस को प्रभावी तरीके से शामिल किया जाना चाहिए, डॉ नवीन चंद्र प्रसाद, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार, ने पटना में आयोजित किये गए एक बैठक में आज कहा। बैठक का आयोजन रीच द्वारा, राज्य टीबी सेल, बिहार के सहयोग से किया गया था, और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यू एस ए आई डी) द्वारा समर्थित था।
बैठक के दौरान टीबी से जुड़े भेद-भाव से लड़ने की जरूरत के बारे में अमित कुमार सिंह, विधायक, रीगा, सीतामढी, ने कहा, “भेद-भाव से लड़ने का बीड़ा इस प्रोजेक्ट और इसके साथ जुड़े लोगों ने बखूबी उठाया है जिससे लोगों की सोच में तब्दीली आए और टीबी पर जागरूकता भी बढे।”
इस अवसर पर रीच द्वारा सितंबर 2016 से बिहार में लागू की जाने वाली ‘टीबी कॉल टू एक्शन प्रोजेक्ट’ की इम्पैक्ट (प्रभाव) रिपोर्ट को भी जारी किया गया। रिपोर्ट में परियोजना के प्रमुख परिणामों और उपलब्धियों का विवरण दिया गया है, जिसमें शामिल हैं – राज्य के 19 जिलों से 50 से अधिक टीबी के उत्तरजीवियों को प्रशिक्षित किया गया; जिन्होंने 3000 से अधिक टीबी मरीज़ों और उनके परिवार वालों को सहायता सेवाएं प्रदान कीं; टीबी चैंपियंस द्वारा 64,000 से अधिक लोगों को जागरूक किया गया; और टीबी के 100 मरीज़, जिनका इलाज छूट चुका था, उनको वापस इलाज पर लाने का वर्णन किया गया है। रिपोर्ट में उत्तरजीवियों के नेतृत्व में बढ़ रहे पंजीकृत नेटवर्क ‘टीबी मुक्त वाहिनी’ पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें 18 जिलों से 300 से अधिक टीबी के उत्तरजीवी शामिल हैं।
बिहार में टीबी की स्थिति पर राज्य टीबी अधिकारी डॉ (मेजर) के एन सहाय ने कहा, “टीबी चैंपियंस हमारे लिए बहुमूल्य संसाधन हैं और राज्य टीबी सेल बिहार में टीबी योजना की विभिन्न गतिविधियों में उन्हें आगे भी शामिल करेगा।”
बैठक में टीबी योजना और विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग और अभिसरण पर चर्चा हुई, साथ ही टीबी चैंपियंस की शक्ति का अवलोकन किया गया, जिन्होंने टीबी से प्रभावित दूसरों को सहारा दिया, समुदाय को टीबी उन्मूलन में शामिल किया और एक नेटवर्क का गठन किया, जो दुसरे टीबी उत्तरजीवियों की मदद कर रहे हैं।
भोजपुर की टीबी चैंपियन अंजना सिंह ने बताया टीबी से उनका जीवन कैसे प्रभावित हुआ और उन्होंने अपने जिले में टीबी से प्रभावित लोगों के साथ काम करने के अपने अनुभव को साझा किया। “मुझे नही पता था की मुझमें दुसरे टीबी मरीज़ों की मदद करने की क्षमता है। पर अब मुझे लोग बहुत सम्मान देते हैं अउ मुझसे अपनी तकलीफ बांटते हैं।
रीच प्रोजेक्ट डायरेक्टर स्मृति कुमार ने राज्य में विभिन्न भागीदारों और हितधारकों को धन्यवाद देते हुए कहा, “हम एक बहु-क्षेत्रीय, सामुदायिक-नेतृत्व और सहयोगात्मक प्रतिक्रिया को उत्प्रेरित करने के लिए राज्य के टीबी सेल और स्वास्थ्य विभाग के साथ साझेदारी में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने बिहार में कई सफलताएं देखी हैं और आशा है कि हमारा काम एक ऐसा समुदाय बने जो टीबी से जुड़े भ्रान्ति और भेदभाव से मुक्त हो।”
REACH के बारे में:
रिसोर्स ग्रुप फॉर एजुकेशन एंड एडवोकेसी फॉर कम्युनिटी हेल्थ (REACH) की स्थापना 1999 में तमिलनाडु में संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम (RNTCP) के तहत की गई थी। इस बैठक का आयोजन USAID द्वारा समर्थित टीबी कॉल टू एक्शन प्रोजेक्ट के तहत REACH संस्था के सहयोग से आयोजित किया गया था। इस परियोजना के माध्यम से, REACH ने दो मुख्य उद्देश्यों को प्राथमिकता दी – टीबी के लिए समुदाय की प्रतिक्रिया को मजबूत करना और समर्थन करना साथ ही साथ टीबी के लिए बढ़े हुए वित्तीय, बौद्धिक और अन्य संसाधनों के लिए प्रवक्ता बनना । परियोजना के लिए बिहार एक प्राथमिकता वाला राज्य है।