टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय फेंसर भवानी देवी की तलवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृति चिन्हों के ई-ऑकशन में

भवानी देवी ने उस दिन कमाल कर दिया जब वे टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय फेंसर बनीं और फिर टोक्यो ओलंपिक में अपना पहला मुकाबला जीत कर इतिहास रच दिया। उनसे पहले ओलंपिक में किसी भी भारतीय महिला तलवारबाज ने ये करिश्मा नहीं दिखाया था। हांलाकि अगले मुकाबले में वे पदक की दौड़ से बाहर हो गयीं लेकिन जहां तक वे पहुंची वह भारत के मस्तक को बुलंद करने के लिये काफी था।

तमिलनाडु की रहने वाली भवानी देवी का पूरा नाम है चडलवादा आनंद सुंदररमन भवानी देवी। उन्होंने अपने खेल करियर की शुरुआत 2003 में की लेकिन तलवारबाजी से उनका दूर दूर का कोई रिश्ता नहीं था दरअसल वे जब स्कूल के खेलों में हिस्सा लेने पहुंची तो खेलों के लिए सभी क्लास से छह-छह बच्चों के नाम लिये जा रहे थे। जब भवानी अपना नाम लिखवाने पहुंची तो सभी खेलों में बच्चों का चयन हो चुका था। सिर्फ तलवारबाजी में किसी बच्चे ने नाम नहीं लिखवाया था। भवानी ने इस नये गेम में नाम लिखवाया और ट्रेनिंग शुरू कर दी। बाद में उन्होंने इसी खेल पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया।

वे तलवारबाजी में आठ बार राष्ट्रीय चैंपियन रहीं। ओलंपिक में अपना पहला मुकाबला जीत कर इतिहास रचने वाली भवानी के भारत लौटने पर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा उनका स्वागत किये जाने के अवसर पर उन्होंने वह तलवार जिससे अपना मुकाबला जीता था प्रधानमंत्री को भेंट कर दी।

जिस तलवार से देश का गौरव बढ़ा उस ऐतिहासिक तलवार को अब जो चाहे अपना बना कर देश के गौरव के क्षणों में खुद को शामिल कर सकता है। यह तलवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मिले उपहार और स्मृति चिन्हों के ई-ऑकशन में शामिल की गयी है। इस तलवार को अपना बनाने के लिये 17 सितम्बर से 7 अक्टूबर 2021 तक चलने वाले pmmementos.gov.in/ पर इ-ऑक्शन में भाग लीजिए।

इससे पहले भी प्रधानमंत्री को मिलने वाले उपहारों की नीलामी होती रही है। आखिरी बार साल 2019 में ऐसा ऑक्शन हुआ था। पिछली बार नीलामी में सरकार ने 15 करोड़ 13 लाख रुपये हासिल किए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में वह पूरी राशि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने हेतु ‘नमामि गंगे कोष’ में जमा की गयी थी। इस बार भी ऑक्शन से मिलने वाली राशि ‘नमामि गंगे कोष’ को प्रदान की जाएगी।

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