दरभंगा : बिहार मे ऐसा शायद पहली बार हो रहा है कि किसी जगह कोई योजना की घोषणा से पहले उसकी पूरी तैयारी कर ली जा रही है। अब सिर्फ घोषणाओं से ही काम नही चलेगा उसे पूरा भी करना होगा, इस सोच के साथ इसके लिए किसी योजना की घोषणा पूर्व उसकी सारी तैयारी कर ही किसी योजना के बारे मे कहीं घोषणा की जा रही है। बिहार मे नीतीश कुमार के नेतृत्व विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। नीतीश कुमार के नेतृत्व मे एनडीए की सरकार जिस तेजी और तत्परता से काम कर रही है, उससे आने वाले कुछ एक दशक मे बिहार देश के अग्रणी राज्यों मे शामिल हो जाएगा। यह बातें अलीनगर विधानसभा से भावी उम्मीदवार नीतीश प्रभाकर चौधरी ने कही।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान मधुबनी जिले में पुरानी कमला को पुनर्जीवित करने, जीवछ -कमला को जोड़ने एवं कमला नदी को अविरलता प्रदान करने की योजना की घोषणा किया था। जिसे कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दिया है । इसके बाद यह योजना दरभंगा प्रमंडल के किसानों के लिए वरदान साबित होगा। कैबिनेट के मीटिंग में इन योजनाओं के लिए 426 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इन नदियों को जोड़े जाने से मधुबनी जिले के खजौली, मधुबनी,राजनगर और रहिका प्रखंड तथा दरभंगा जिले के केवटी, सदर, बहादुरपुर, बहेरी, बेनीपुर, बिरौल, कुशेश्वरस्थान पूर्वी एवं कुशेश्वरस्थान पश्चिमी प्रखंड के 92 गांवों की लगभग 36.05 लाख आबादी को लाभ होगा । साथ ही प्रमंडल के करीब 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगा ।
नीतीश प्रभाकर चौधरी ने कहा कि मिथिला संस्कृत स्नातकोत्तर अध्ययन और शोध संस्थान दरभंगा के पुनर्जीवित करने, मिथिलाक्षर के प्राचीन और दुर्लभ पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री के कैबिनेट ने धन उपलब्धता की स्वीकृति प्रदान कर दिया है। जिससे यहाँ संरक्षित हजारों प्राचीन पाण्डुलिपियों का अध्ययन किया जाएगा और भारत के प्राचीन ज्ञान परंपरा के सागर में लोग गोता लगा पाएंगे। नीतीश प्रभाकर चौधरी ने कहा कि बिहार की धरती ज्ञान विज्ञान की धरती रही है, उसमें मिथिला का अपना अलग और महत्वपूर्ण स्थान है। मिथिला का विकास ही वास्तव मे बिहार का विकास है। मिथिला के बारे मे कैबिनेट के बैठक जिस तरह से ख्याल रखा गया है, वो निश्चित तौर से प्रशंसनीय है। इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और उनके कैबिनेट का बहुत-बहुत आभार।