– सातवें चरण की भर्ती में विलम्ब के लिए नीतीश कुमार सीधे जिम्मेदार
– कैबिनेट की तीन बैठकों के बाद भी किसी को नहीं मिली नौकरी
पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने सातवें चरण की शिक्षक भर्ती की मांग करने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की और कहा कि शिक्षक नियुक्ति में विलम्ब के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीधे जिम्मेदार हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार 15 साल से मुख्यमंत्री हैं और शिक्षा विभाग लगातार उनकी पार्टी जदयू के पास रहा, इसलिए उन्हें अपनी नाकामी स्वीकार करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि छात्रों की जायज मांग को अविलम्ब पूरा करने के बजाय नीतीश सरकार ने नौकरी मांगने वाले छात्रों की पिटाई करायी। जिस एडीएम ने यह बर्बरता की, उसे निलम्बित किया जाना चाहिए।
श्री मोदी ने कहा कि कारतूस -प्रेमी नये शिक्षा मंत्री 20 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा करते हैं, जबकि शिक्षक की नौकरी मांगने वालों पर डंडे बरसाये जाते हैं।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का वादा कर युवाओं से वोट लिये थे, लेकिन महागठबंधन सरकार की तीन कैबिनेट बैठकों के बाद भी किसी को नौकरी नहीं मिली।
श्री मोदी ने पूछा कि राजद ने अपने घोषणा-पत्र में “समान काम- समान वेतन” का जो वादा किया था, उसका क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि किस विभाग में कितनी रिक्तियां हैं और कितने नये पद सृजित किये गए ?
श्री मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव ने 4.5 लाख रिक्त पदों पर भर्ती करने और 5.5 लाख नये पद सृजित कर सरकारी नौकरी देने का वादा किया था। अब सत्ता मिलने पर वे नौकरी की जगह रोजगार की बात कर लोगों को धोखा दे रहे हैं।