स्वीकार्य नहीं है कि भारत केवल एक बाजार बनकर रह जाए
पीएम मोदी ने कहा कि बजट में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है कि भारत जैसा देश केवल एक बाजार बनकर रह जाए। उन्होंने मेक इन इंडिया के महत्वपूर्ण महत्व को रेखांकित करने के लिए महामारी और अन्य अनिश्चितताओं के दौरान आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान की ओर इशारा किया। उन्होंने जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट मैन्युफैक्चरिंग के अपने आह्वान का भी जिक्र किया जो उन्होंने लाल किले की प्राचीर से किया था। उन्होंने कहा कि अगर हम राष्ट्रीय सुरक्षा के चश्मे से देखें तो आत्मनिर्भर भारत और भी महत्वपूर्ण है।
दुनिया भारत को एक विनिर्माण महाशक्ति के रूप में देख रही
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भारत को एक विनिर्माण महाशक्ति के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा कि विनिर्माण, भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 15 प्रतिशत है, लेकिन मेक इन इंडिया से पहले अनंत संभावनाएं हैं और हमें भारत में एक मजबूत विनिर्माण आधार बनाने के लिए पूरी ताकत से काम करना चाहिए।
विदेशी स्रोतों पर निर्भरता को दूर कर बढ़ना होगा आगे
प्रधानमंत्री ने सेमी-कंडक्टर और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे क्षेत्रों में नई मांग और अवसरों का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें निर्माताओं को विदेशी स्रोतों पर निर्भरता को दूर करने की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए। इसी तरह, स्टील और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों को स्वदेशी विनिर्माण के लिए ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
’वोकल फॉर लोकल’ का दायरा दीपावली पर ‘दीया’ खरीदने से कहीं आगे
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि ‘वोकल फॉर लोकल’ का दायरा दीपावली पर ‘दीया’ खरीदने से कहीं आगे जाता है। उद्योग जगत को अपने उत्पाद के विज्ञापन में ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ की बात करनी चाहिए। उन्होंने निजी क्षेत्र से अपने मार्केटिंग और ब्रांडिंग प्रयासों में स्थानीय और आत्मनिर्भर भारत के लिए आगे बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि आप अपनी कंपनी के उत्पादों पर गर्व करें और अपने भारतीय ग्राहकों में भी गर्व की भावना पैदा करें। इसके लिए कुछ सामान्य ब्रांडिंग पर भी विचार किया जा सकता है।
खनन, कोयला और रक्षा जैसे क्षेत्रों के खुलने से अपार संभावनाएं
पीएम मोदी ने खनन, कोयला और रक्षा जैसे क्षेत्रों के खुलने से अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आपको वैश्विक मानकों को बनाए रखना होगा और आपको विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा भी करनी होगी।
इस बार बजट में MSME को महत्वपूर्ण महत्व
इस बजट में ऋण सुविधा और प्रौद्योगिकी उन्नयन के माध्यम से एमएसएमई को महत्वपूर्ण महत्व दिया गया है। सरकार ने एमएसएमई के लिए 6,000 करोड़ रुपए के आरएएमपी कार्यक्रम की भी घोषणा की है। बजट में बड़े उद्योगों और एमएसएमई के लिए किसानों के लिए नए रेलवे लॉजिस्टिक्स उत्पादों को विकसित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
डाक और रेलवे नेटवर्क के एकीकरण से छोटे उद्यमों और दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की समस्याओं का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए घोषित पीएम डिवाइन के मॉडल का उपयोग करके क्षेत्रीय विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया जा सकता है। इसी तरह, विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम में सुधार से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।