अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को बराबर का दर्जा प्राप्त करवाना है

(डा. नम्रता आनंद)
अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 08 मार्च को विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।

महिलाएं समाज में, राजनीति में और विज्ञान, खेल कूद तथा अन्य क्षेत्र में कहाँ तक पहुँची हैं, इसके जश्न के तौर पर अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन होता है। महिलाओं को आधी आबादी कहा गया है और इस दुनिया में मौजूद हर एक महिला की ताकत का जश्न मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है।

इस स्पेशल डे को सेलिब्रेट करने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि महिलाओं को बराबर का दर्जा प्राप्त हो। सभी अधिकार दिए जाएं, जिसकी प्रत्येक महिला हकदार है। किसी भी क्षेत्र में भेदभाव ना किया जाए। इस दिन महिलाओं के अधिकारों के प्रति ध्यान दिलाने और लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम, कैंपेन भी आयोजित किए जाते हैं. समाज में फैले महिलाओं के प्रति असमानताओं को दूर करने के लिए भी खास पहल की जाती है। समाज, दुनिया के प्रति महिलाओं के योगदान की सराहना जितनी भी की जाए, वह कम है।अंतराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का खास मकसद समाज में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाना है। साथ ही इसका उद्देश्य हर एक महिला को उनका हक दिलाना भी है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने और अधिकारों की प्रगति का वार्षिक कार्यक्रम है।इस स्पेशल डे को सेलिब्रेट करने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि महिलाओं को बराबर का दर्जा प्राप्त हो। सभी अधिकार दिए जाएं, जिसकी प्रत्येक महिला हकदार है। बदलते समय के साथ महिलाएं सिर्फ घर को ही नहीं बल्कि अपने देशों का नाम भी रोशन कर रही हैं। बहू, बेटी समेत कई रिश्तों के रूप में जानी जाने वालीं महिलाएं देश की शान के लिए भी चर्चित है। देश से लेकर विदेशों में महिलाओं का काफी सम्मान किया जाता है।

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