पटना, 13 अक्टूबर। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने आज एकबार फिर डेंगू को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बिहार में डेंगू की भयावहता बढ़ती जा रही है और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री सत्ता सुख में आनंद विभोर हैं।
उन्होंने साफ लहजे में कहा कि केवल समिति बनाने और फाइलों में सुविधाएं गिनाने से काम नहीं चलेगा बल्कि प्रत्येक डेंगू मरीजों को सुविधा मिले इसकी व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने सरकार से डेंगू के मामले में जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की।
भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री सिन्हा ने कहा कि सबसे गौर करने वाली बात है कि पटना के बाद दूसरे नंबर पर डेंगू के मरीजों की संख्या मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में है, लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री डेंगू को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में डेंगू के 3500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें पटना में 23 सौ से अधिक डेंगू पीड़ित मिले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के डेढ दर्जन जिलों में डेंगू लोगो को डराने लगा है।
उन्होंने कहा कि आज जांच की संख्या बढ़ाने की जरूरत है जबकि हकीकत है कि लोगों की जांच नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि राजधानी में निजी अस्पतालों में जांच के लिए 1400 से 2400 रुपये वसूले जा रहे हैं और विभाग आंखें मूंदे है। उन्होंने कहा कि सरकार तत्काल सभी जिलों के अंदर सरकारी अस्पतालों में डेंगू सीरो वायरस संक्रमण की जांच की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि सरकार जिलों में केवल किट की जांच की व्यवस्था कर खानापूर्ति नहीं करे।
उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि अब डेंगू पर रोक लगाना सरकार की बात नहीं, इस कारण सरकार जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाए। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि आपातकालीन विभागीय बैठककर विभाग को डेंगू की रोकथाम के लिए कडे निर्णय लेने चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजधानी में भी एंटी लारवा के छिडकाव नहीं हो पा रहे हैं। पटना के 25 लाख लोगों के लिए नगर निगम के पास सिर्फ 50 फागिंग वाहन है। इनमें कई भ्रष्टाचार की भेंट चढकर खराब पडे हैें। कई जिलों में तो ऐसी व्यवसथा ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि खानापूर्ति के लिए डॉक्टरों की 87 टीमें एन्टी लारवा की छिड़काव कर रही है, लेकिन हककीत इसके विपरीत है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सरकार ऑईवॉश करना छोडकर पहले भ्रष्ट मानसिकता हटाये और आम जनता की ज़िंदगी बचाने का कार्य करे नहीं तो जनता का आक्रोश भ्रष्टाचारियों को चैन से नही बैठने देगी।
श्री सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के पास पांच बडे-बडे विभाग हैं, ऐसे में वे किस विभाग के साथ कितना न्याय कर पा रहे हैं, इसका सबसे बडा प्रमाण डेंगू मरीजों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि है। उन्होंने सरकार को स्पष्ट लहजे में कहा कि मेडिकल कॉलेजों में बेड आरक्षित करने से कुछ नहीं होगा। आज जरूरत है कि अनुमंडलीय अस्पतालों तक में डेंगू रोगियों के लिए बेड आरक्षित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में एंटी लारवा रसायन का नियमित छिड़काव करने की जरूरत है। दवा, ब्लड आदि की व्यवस्था सभी जिला, अनुमंडल, प्रखंड के अस्पतालों में उपलब्ध कराने की जरूरत है।
सभी ब्लड बैंक को अलर्ट किया जाए रक्तदान और प्लेटलेटस को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत नियम की व्यवस्था समुचित रूप से करे। सरकार चालक बने और चालाक नहीं । सरकार की कथनी करनी दिखाई पडें।