बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए टू-व्हीलर्स के लिए केंद्र सरकार ने दिए नए प्रस्ताव

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने बीते मंगलवार, 26 अक्टूबर को बच्चों की सुरक्षा के लिए दोपहिया वाहनों के नियमों के लिए महत्वपूर्ण प्रस्ताव दिए हैं। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक, बाइक चलाने वाले व्यक्ति को अब बच्‍चे को साथ में लेकर राइड करने पर कुछ नए नियमों का पालन करना होगा। मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में नवीनतम बदलाव का अनुपालन करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन के लिए मसौदा अधिसूचना जारी की है।

ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक, 4 साल तक के बच्चे को मोटरसाइकिल पर पीछे बैठाकर ले जाते समय बाइक, स्कूटर, स्कूटी जैसे दोपहिया वाहन की गति सीमा 40 किमी प्रति घंटे से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा दोपहिया वाहन चालक पीछे बैठने वाले 9 महीने से 4 साल तक के बच्चे को क्रैश हैलमेट पहनाएगा, जिसे भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत होना चाहिए। साथ ही साथ मोटरसाइकिल चालक यह सुनिश्चित करेगा कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों को अपने साथ बाइक या स्कूटर पर बांधे रखने के लिए सेफ्टी हार्नेस का इस्तेमाल करेगा।

क्या होता है सेफ्टी हार्नेस

जानकारी के लिए बता दें कि सेफ्टी हार्नेस बच्चों को पहनाई जाने वाली जैकेट होती है, जिसके साइज को घटाया/बढ़ाया जा सकता है। ये बच्‍चे को चालक से बांधे रखती है। सुरक्षा जैकेट से जुड़े फीते बच्‍चे को वाहन चालक के कंधों से जोड़े रखने का भी काम करते हैं। परिवहन मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति और सुझाव भी मांगे हैं।

पहले क्या था नियम?

मोटर वाहन अधिनियम के तहत अगर दोपहिया वाहन पर 4 वर्ष से ज्यादा की उम्र का बच्चा सवार है, तो उसे तीसरी सवारी के रूप में माना जाता है। दोपहिया वाहन पर मात्र दो लोगों के ही बैठने का नियम है । ऐसे में यदि कोई व्यक्ति चार साल की उम्र से अधिक के बच्चे को बैठाता था, तो मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194A के मुताबिक ओवरलोडिंग के नियम का उल्लंघन करने पर 1 हजार रुपये की राशि के चालान काटने का प्रावधान था।

कुछ माह पूर्व मंत्रालय ने बाइक के पीछे की सीट के दोनों तरफ हैंड होल्ड को अनिवार्य किया था। यह हैंड होल्ड पीछे बैठे सवारी की सुरक्षा के लिए होता है और बाइक चलाने वाले व्यक्ति के के अचानक ब्रेक लगाने की स्थिति में हैंड होल्ड सवारी के लिए काफी मददगार साबित होता है। केंद्र सरकार ने बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए दोपहिया वाहनों के डिजाइन और सभी के पीछे बैठने के नियमों में भी बदलाव किया था।

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