पटना: बीवीएसएस 2021-2022 के केंद्रीय बजट को संतुलित और प्रगतिशील बताया है। इस क्रम में बीवीएसएस के तरफ से गौरव गुंजन व अनिमेष कुमार झा ने कहा कि कुल मिलाकर यह सरकार द्वारा प्रस्तुत एक संतुलित और प्रगतिशील बजट है, जो हमारे देश के विशेष रूप से भौतिक और स्वास्थ्य ढांचे के समग्र विकास में एक लंबा रास्ता तय करेगा। महीन विवरणों के मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। हालांकि, कर प्रस्तावों को और अधिक सरलीकरण और आसान बनाने की आवश्यकता है। सरकार ने पूर्वव्यापी प्रभाव से कोई कर नहीं लगाने का वादा किया। हालांकि क्लबों और उनके सदस्यों को आपूर्ति करने वाले आपसी संघों को 1 जुलाई 2017 से पूर्वव्यापी कर लगाया गया है। खरीदारों को अपने रिटर्न भरने में अपने आपूर्तिकतार्ओं पर कोई नियंत्रण नहीं है। हालांकि, सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि जब तक कि फॉर्म जीएसटीआर-1 में आपूर्तिकर्ता अपने आउटपुट स्टेटमेंट में देयता नहीं दिखाता, तब तक किसी भी क्रेडिट की अनुमति नहीं दी जाएगी.
प्रत्यक्ष कर प्रस्ताव के अंतर्गत 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को राहत आईटीआर फाइल करने की छूट से केवल पेंशन और ब्याज आय के लिए दी गई है। हालांकि, बैंकों को भुगतान करने से टीडीएस कटेगा। पुनर्मूल्यांकन की अवधि 6 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष कर दी गई है। गंभीर कर चोरी के मामलों में विभाग के पास 50 लाख रुपये या उससे अधिक की चोरी के सबूत हैंए फिर 10 साल बाद भी फिर से खोलना हो सकता है। तबकि पूंजी बाजार के अंतर्गत सेबी एक्ट, डिपॉजिटरीज एक्ट, सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) एक्ट और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज एक्टए 2007 के प्रावधानों को एक तर्कसंगत सिंगल सिक्योरिटीज मार्केट कोड में समेकित करने का प्रस्ताव कारोबार करने में आसानी करेगा और विदेशी निवेशकों को इसे बेहतर समझने में मदद करेगा।