पेट्रोल डीजल की कीमत घटाने की घोषणा केवल बतोलाबाजी

पटना।  केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमत घटाने की घोषणा को केवल बतोलाबाजी बताते हुए कहा है कि पिछले दो महीने मे हीं पेट्रोल और डीजल के कीमत में 10 रूपए से ज्यादा की वृद्धि की गई थी उसमे से पेट्रोल के कीमत में मात्र 9.50 रूपया और डीजल के कीमत में मात्र 7 रूपए की कटौती की गई है। पेट्रोल और डीजल के कीमत में बढोत्तरी को मुद्दा बनाकर 2014 में सत्ता में आयी भाजपा द्वारा मात्र 2015 में पेट्रोल और डीजल के कीमत में मामूली कमी की गई थी। 2015 से इसके दामों मे जो बढ़ोतरी शुरू हुई सो लगातार जारी है।

रूस यूक्रेन युद्ध के पहले अन्र्तराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम लगातार घटता रहा। अन्र्तराष्ट्रीय बाजार में 2014 में कच्चे तेल का कीमत जहाँ 140 डॉलर प्रति बैरल था तो दिल्ली में पेट्रोल 67 रूपए प्रति लीटर और डीजल 50 रूपए प्रति लीटर के दर से उपलब्ध था । वहीं रूस यूक्रेन युद्ध के पूर्व अन्र्तराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का कीमत घटकर जब 72 रूपए प्रति बैरल हो गया तो जनवरी के तीसरे सप्ताह में देश के अनेक राज्यों में पेट्रोल की कीमत 100 रू लीटर और डीजल 90 रू लीटर से उपर जा चुका था।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क के रूप में आज भी सरकार द्वारा जनता पर भारी बोझ डालने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।  राजद गठबंधन वाली यूपीए सरकार के समय  2014 में पेट्रोल पर जहाँ 9.48 प्रतिशत और डीजल पर 3.56 प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगता था वहीं  कटौती की घोषणा के बाद भी पेट्रोल पर 19.90 प्रतिशत और डीजल पर 17.80 प्रतिशत राशि उत्पाद शुल्क के रूप मे आम जनता से वसूल की जायेगी ।

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