रिक्तियां चुराने वाले किस हैसियत से तेजस्वी यादव से कर रहे सवाल

पटना। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि करोड़ों रिक्तियां चुराने वाले आज किस हैसियत से उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सवाल कर रहे हैं। मिशन बिहार नाकामयाब हो जाने से भाजपा नेताओं का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है।

इनके एक दलीय अधिनायकवाद के सपने को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाने वाले तेजस्वी जी इनके आंखों के किरकिरी बन गये हैं और इसी वजह से इनके सारे अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय से लेकर निचले पायदान के नेता शपथ ग्रहण के साथ ही निर्लज्जता पूर्वक पिछले दो दिनों में हजारों सवालों की बौछार कर रहे हैं। अभी तक न तो मंत्रिमंडल का गठन हुआ है और न विधानसभा में बहुमत साबित करने की औपचारिकता। इनके सोच का स्तर इतना नीचे गिर गया है कि इनके केन्द्रीय मंत्री तेजस्वी जी के बयान को एडिट कर ट्वीट कर रहे हैं साथ हीं अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपने संस्कार का परिचय दे रहे हैं।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी जी ने स्पष्ट कहा है कि अधिक से अधिक नौजवानों को नौकरी और रोजगार कैसे मिले इसके लिए सरकार काफ ी गंभीर है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं पहल कर रहे हैं। एक से दो महीने के अन्दर परिणाम सामने आने लगेगा। बेरोजगारी हमारे नेता का प्राथमिक एजेंडा रहा है और रहेगा। यह उनकी ही बड़ी उपलब्धि है कि आज करोड़ों रिक्तियां चुराने वाली भाजपा को भी बेरोजगारों की याद आने लगी है।

श्री गगन ने भाजपा नेताओं से पूछा कि दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान 19 लाख नौजवानों को नौकरी देने के साथ हीं पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 18 महीने में 10 लाख नौजवानों को नौकरी देने के वादे का क्या हुआ। जब से केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है केन्द्रीय सेवाओं में रिक्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है। आज केन्द्र की भाजपा सरकार एक करोड़ से ज्यादा रिक्तियां चुरा कर बैठी हुई है।

पिछले आठ सालों में मात्र 7 लाख 22 हजार नौकरी दी गई जबकि 22.05 करोड़ लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया था। इस आठ साल में सार्वजनिक उपक्रमों सहित केन्द्र सरकार के मातहत विभागों में 90 लाख से ज्यादा पद रिक्त हुए हैं। जबसे केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी है नौकरी देने की संख्या में क्रमिक रूप से कमी आती गई। 2014-15 में जहां 1 लाख 30 हजार 423 को नौकरी दी गई। वहीं 2015-16 में 1 लाख 11 हजार 807, 2016-17 में 1 लाख 13 हजार 33, 2017-18 में घटकर 76147 और 2018-19 में मात्र 38100 लोगों को नौकरी दी गई। 2019 में लोकसभा का चुनाव था इसलिए वर्ष 2019-20 में 1 लाख 47 हजार 96 लोगों को नौकरी दी गई थी। गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में फिर नौकरी पाने वालों की संख्या घटकर 38 हजार 850 हो गई।

केन्द्र सरकार के कुल 40 लाख 35 हजार पदों में पिछले वर्ष तक 9 लाख 80 हजार पद खाली थे जिनकी संख्या आज 12 लाख से ज्यादा हो गया होगा। राजद प्रवक्ता ने बताया कि पिछले 14 जून को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषणा की गई थी कि अगले 18 महीने में 10 लाख नौकरी देंगे। घोषणा के अनुसार अब तक 1 लाख 11 हजार लोगों को नौकरी मिल जानी चाहिए थी पर अभी तक किसी एक को भी नौकरी नहीं मिली।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार करोड़ों रिक्तियां चुरा कर रखे हुए है और लाखों नौजवानों की उम्र सीमा समाप्त होते जा रहा है आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। भाजपा नेताओं में यदि थोड़ी भी लाज और शर्म बचा हो तो उन्हें दूसरों से सवाल करने के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। प्रेस कांफ्रेस में प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, रितू जयसवाल, आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पी के चौधरी, प्रदेश महासचिव संजय यादव सहित अन्य राजद नेता उपस्थित थे।

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