तेजस्वी ने उठाये नीतीश की नैतिकता पर सवाल

पटना। राष्ट्रीय जनता दल के 25वें स्थापना दिवस रजत जयन्ती समारोह के अवसर पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि 25वें रजत जयन्ती के अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को उनके साहस और जिवटता के प्रति नमन करता हूँ। लालू जी को देखकर हम सबका आज उत्साह बढ़ा है। वह हमेशा बिहार और देश की स्थिति को लेकर चिंतित रहते हैं। लालू जी ने महापुरूषों के प्रेरणा से राजद का गठन किया।

तेजस्वी ने सीएम को निशाने पर लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक अणे मार्ग से निकलते नहीं हैं और निकलते हैं तो जनता के बीच पर्दा डालते हैं जबकि लालू जी हमेशा खेत खलिहान, मजदूर, नौजवान के बीच बैठकर उनके समस्याओं को सुना और निराकरण किया। चोर दरवाजे से जनमत का हरण करके दबाव डालकर महागठबंधन को पन्द्रह से बीस सीटों पर हराने का कार्य किया गया। 1 करोड़ 56 लाख महागठबंधन को तथा हमसे 12 हजार अधिक एनडीए को वोट मिला। हमारे खिलाफ मोर्चे पर मोर्चाबंदी की गई। इडी, सीबीआई और अन्य एजेंसियों का सहारा लेकर देश में विपक्ष के आवाज को दबाने का प्रयास चल रहा है। इसी साजिश का शिकार लालू जी भी बनें।

उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल में नीतीश कुमार समीक्षा बैठक नहीं बल्कि भिक्षा बैठक करके यह पता करवाते थे कि दवाई, ऑक्सीजन, एम्बुलेंस और प्राइवेट क्लिनिक से कितनी कमाई हुई। जनता के दुख दर्द से इन्हें कभी मतलब नहीं रहा। सडक़ से सदन तक राजद ने 370, जीएसटी, नोटबंदी, महंगाई पर आन्दोलन किया और दवाई, कमाई, पढ़ाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई वाली सरकार बनानी चाही लेकिन सृजन चोर सत्ता का भी चोरी किया और बेशर्मी से सत्ता में बैठे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि आज मंत्री मुख्य सचिव तथा पदाधिकारी पर आरोप लगा रहे हैं और उनके विधायक मंत्री पर। अब मुख्यमंत्री की नैतिकता कहां गई, क्या यह सिर्फ तेजस्वी के लिए हीं नैतिकता थी। हमारी पार्टी हर वर्गों के साथ सामाजिक न्याय और उनके आर्थिक न्याय की लड़ाई लड़ेगी। इस अवसर पर स्व0 रामविलास जी याद कते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि वो आज हमलोगों के बीच नहीं हैं लेकिन उनके योगदान और सामाजिक आन्दोलन को नहीं भुलाया जा सकता है। उनके नहीं रहने का हमारी पार्टी को काफी दुख है।

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