कोरोना संक्रमण के मद्देनजर हुए लॉकडाउन के कारण जहाँ एक ओर पूरी आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी है वही आर्थिक रूप से कमजोर लोग भूखमरी के कगार पर हैं| लगभग डेढ़ वर्ष के इस संक्रमण काल में अधिकांश मजदूर कामगारों, ठेला चालकों, रिक्शा चालकों, फुटपाथ पर जीवन निर्वहन करनेवाले लोगों के बीच दो जून की रोटी के लाले पड़ गये हैं| इस प्रतिकूल परिस्थिति में सरकार के साथ साथ कई स्वयंसेवी एवं समाजसेवी संस्थाएं निरंतर लोगों की मदद में जुटी हुई है| हर संस्था अपने अपने स्तर पर समाज सेवा का…
Read More