पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ने लगे हैं। इनमें नया नाम बगावती तेवर दिखा रहे विधायक शुभेंदु अधिकारी का है। उन्होंने बुधवार को असेंबली सेक्रेटरी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। शुभेंदु पूर्वी मिदनापुर की नंदीग्राम सीट से विधायक हैं। उन्होंने पिछले महीने मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे दिया था। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं।
वहीं कुछ अन्य विधायकों और एक लोकसभा सांसद ने भी गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे से पहले बागी तेवर दिखाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ा दीं हैं। इनमें से ज्यादातर नेता दक्षिण बंगाल के हैं, जहां बीजेपी का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में ठीक नहीं रहा था। उत्तर बंगाल में बीजेपी ने स्वीप किया था और उसे 7 में से छह सीटों पर जीत मिली थी।
शुभेंदु अधिकारी मिदनापुर जिले के बड़े नेता माने जाते हैं। उनका परिवार कई साल से सियासत में है। शुभेंदु के पिता कांग्रेस से विधायक और सांसद रह चुके हैं। अभी तृणमूल कांग्रेस से सांसद हैं। शुभेंदु खुद लगातार विधायक और सांसद का चुनाव जीतते आ रहे हैं।
पहली बार उन्होंने 2006 में विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 2009 में लोकसभा चुनाव जीते। 2014 में भी अपनी सीट पर कब्जा जमाया। 2016 में उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर परिवहन मंत्री बने। शुभेंदु के एक भाई सांसद और दूसरे नगरपालिका अध्यक्ष हैं। इस परिवार का छह जिलों की 80 से ज्यादा सीटों पर असर है।
शुभेंदु कुछ समय से पार्टी की लीडरशिप से दूरी बनाकर चल रहे थे। शुभेंदु पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खास माने जाते हैं इसलिए उनका जाना पार्टी के साथ ममता के लिए भी झटका है। 19 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे पर जाएंगे। ऐसी अटकलें हैं कि इसी दौरान शुभेंदु भाजपा जॉइन कर सकते हैं। पार्टी के नेता भी उनके स्वागत की बातें कह रहे हैं।