धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य को देवों की श्रेणी में रखा गया है। उन्हें भक्तों को प्रत्यक्ष दर्शन देने वाला भी कहा जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य का विशेष महत्व है। इसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। सूर्य की किरणें शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को दूर कर निरोग बनाने का कार्य करती हैं।
* क्या कहती हैं मान्यताएं
धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो सूर्य देव को आत्मा का कारक माना गया है। इसलिए प्रात:काल सूर्य देव के दर्शन से मन को बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही ये शरीर में स्फूर्ति भी लाता है।
* भाग्य दोष होते हैं दूर
प्रत्येक सुबह सूर्य को जल चढ़ाने से भाग्य अच्छा होता है। सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते है। हर कोई आपसे खुश रहता है और आपके लिए निष्ठावान रहता है।
* मिलता है सम्मान
ज्योतिशास्त्र के मुताबिक सूर्य ही वह ग्रह है जो व्यक्ति को सम्मान दिलाता है। नियमित रूप से सूर्य देव को जल चढ़ाने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है। उसे लोगों से सहयोग मिलता है व उच्च पद पर विराजित होने का भी सम्मान मिलता है। ऐसे लोग समाज में प्रतिष्ठा हासिल करते हैं।
* कार्य-कौशल में होती है वृद्धि
जो लोग रोजाना सूर्य देव को जल अर्पण करते हैं, सूर्य देव हमेशा उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से मन एकाग्रचित्त होता है। जिससे सीखने की क्षमता बढ़ती है। ऐसे व्यक्ति जटिल से जटिल समस्या का समाधान भी चुटकियों में कर देते हैं।
* साइंस से जुड़े पहलू
सूर्य को जल चढ़ाने से होने वाले फायदे के वैज्ञानिक आधार भी है। वैज्ञानिकों के अनुसार सुबह के समय सूर्य को चल चढ़ाने से शरीर को विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा मिलती है। जिससे शरीर स्वस्थ्य रहता है।
* हर अंग पर पड़ता है प्रभाव
इंसान का शरीर पंच तत्वों से बना होता है। इनमें एक तत्व अग्नि भी है। सूर्य को अग्नि का कारक माना गया है। इसलिए सुबह सूर्य को जल चढ़ाने से उसकी किरणें पूरे शरीर र पड़ती है। जिससे हार्ट, त्वचा, आंखे, लीवर और दिमाग जैसे सभी अंग सक्रिय हो जाते हैं।
* बढ़ता है आत्म विश्वास
सूर्य को जल चढ़ाने से मन में अच्छे विचार आते है। जिससे प्रसन्नता का अनुभव होता है। इससे सोचने-समझने की शक्ि भी बढ़ती है। ये व्यक्ति की इच्छाशक्ति को मजबूत करने का भी काम करता है।
* नींद न आने की समस्या को करता है दूर
रोज सुबह जल्दी उठने और रात को जल्दी सोने की प्रक्रिया से शरीर का संतुलन बना रहता है। इससे थकान, नींद न आने व सिर में दर्द जैसी समस्याओं को दूर करता है। ये दिमाग को सक्रिय बनाता है।
– सूर्य को जल चढ़ाने का तरीका
भारतीय परंपरा के अनुसार सूर्य देव को प्रात:काल नहाने के बाद जल अर्पण करना चाहिए। जल चढ़ाने के लिए तांबे के कलश का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। साथ ही जल में लाल सिंदूर व लाल फूल डालकर भी अर्पण करना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा हमेशा बनी रहती है।
!!! ॐ श्री गुरुवे स्वामी सूर्यनारायणय नमः ॐ !!!
!!! प्रणाम !!!
मानस पुत्र पण्डित संजय कुमार झा …
ॐ समः शत्रौ च मित्रे च तथा मानापमानयोः ।
शीतोष्णसुखदुःखेषु समः सङ्गविवर्जितः ॥
ॐ यो न हृष्यति न द्वेष्टि न शोचति न काङ्क्षति । शुभाशुभपरित्यागी भक्तिमान्यः स मे प्रियः ॥ १७ ॥