झारखंड सरकार के नक्सली आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आईजी राजकुमार लकड़ा और एसपी अंजनी अंजन के समक्ष नक्सली संगठन टीएसपीसी के 5 लाख का इनामी हार्डकोर नक्सली दशरथ उरांव उर्फ रौशन जी पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण कर दिया है ।
गौरतलब है आत्मसमर्पण करने वाले हार्डकर नक्सली पिछले कई वर्षों से नक्सली संगठन में शामिल होकर कई घटनाओं का अंजाम दे चुका है बताया जाता है जमीन विवाद को लेकर वर्षो पहले नक्सली संगठन में शामिल हुआ था । लेकिन जंगल मे नक्सली दस्ते में घूमने के बाद सरकार द्वारा नक्सली आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित हुआ खासकर मेरी पत्नी के द्वारा लगातार पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने को लेकर दबाव बनाया । और उसके बाद हमने हिंसा का रास्ता छोड़कर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया और आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर रहा हु ।
वही डीआईजी राजकुमार लकड़ा और एसपी अंजनी अंजन सीआरपीएफ 214 वतालियन के सीओ केडी जोशी और सीआरपीएफ 11 बटालियन के सीओ के द्वारा पुलिस कार्यालय के सभागार में पलामू क्षेत्र के आईजी राजकुमार लकड़ा के समक्ष सरेंडर किया। आत्मसमर्पण करने वाला उग्रवादी चतरा जिले के सुइयाटाड़ गांव निवासी है। पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा ने टीएसपीसी के सबजोनल कमांडर को शाल भेंट कर 5 लाख का चेक प्रदान किया। सरेंडर करने के बाद सबजोनल कमांडर दशरथ उरांव ने कहा कि 2021 में टीएसपीसी के एरिया कमांडर अनिल उरांव से प्रेरित होकर पुलिस के समक्ष सरेंडर किया। उन्होंने मुख्यधारा से भटके हुए लोगों से सरकार की योजना का लाभ उठाते हुए सरेंडर करने की अपील की।
वही पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा ने कहा कि झारखंड में धीरे धीरे नक्सली क्षेत्र में कमजोर होते जा रहे हैं। झारखंड सरकार के नई दिशा कार्यक्रम के तहत उग्रवादी सलेंडर कर रहे हैं। सब जोनल कमांडर टीएसपीसी के रीजनल कमांडर आक्रमण जी के दस्ता में रहकर नक्सली घटना को अंजाम दे रहे थे। इनके ऊपर बालूमाथ, लातेहार, चंदवा, हेरहंज, मनिका, टंडवा एवं कुंडा थाना में 60 केस दर्ज है।