पटना। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अफ सरशाही चरम पर है। अधिकारी सीना तान सरकारी काम में लापरवाही कर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को बढ़ावा देते है। जनप्रतिनिधियों को अपमानित करते है और नागरिकों को तो पाँव के धूल बराबर नहीं समझते। सरकार व मंत्रियों को इससे क्या उन्हें तो बंदरबांट में अपने हिस्से से मतलब है। एनडीए सरकार में सत्तारूढ़ दल व बेखौफ अफसरों के लिए भ्रष्टाचार बाएँ हाथ का खेल बन गया है।
दोनों मिलकर अवैध कमाई करते हैं और नागरिक घूस, सरकारी बेपरवाही, परेशानी व भ्रष्टाचार के दुष्चक्र में पिस कर रह जाते हैं। जनप्रतिनिधि जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं अफ सर नहीं। उन्हें जनता चुनती है अधिकारी नहीं। अगर अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने का निर्देश ऊपर से मिलेगा तो जनता की कौन सुनेगा। इससे सत्ता का अनावश्यक केंद्रीकरण होगा।
भ्रष्टाचार बढ़ेगा और लोकतंत्र नाम मात्र का भी नहीं बचेगा। लोकतंत्र की अवधारणा ही है सत्ता को जनप्रतिनिधियों के रास्ते विकेन्द्रित कर के जनता में समाहित करना। जनता से अवशोषित कर के निरंकुश व भ्रष्ट अफसरों के रास्ते सत्ता के शीर्ष पर बैठे एक व्यक्ति में केंद्रित करना नहीं। सरकार और उनके मुखिया जितनी जल्दी इस बात को समझ लें उतना बेहतर। बहुत हो चुका बिहार की न्यायप्रिय जनता अब सत्ता संरक्षित भ्रष्ट और नाकारा अधिकारियों तथा नेताओं की निरंकुशता नहीं सहेगी।
श्वेता / पटना