पटना | अमेरिका की एक बड़ी यूनिवर्सिटी ने बिहार में कोरोना को लेकर डेटा रिपोर्टिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस विश्विवद्यालय ने एक शोध के द्वारा कोरोना डेटा रिपोर्टिंग को लेकर कर्नाटक को जहां पहले नंबर पर रखा है वहीं बिहार तथा यूपी सबसे निचले नंबर पर रखे गए हैं.
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने जारी की रिपोर्ट
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन कर बताया है कि भारत में कर्नाटक राज्य की कोविड-19 से संबंधित डेटा रिपोर्टिंग सबसे अच्छी रही है. जबकि इस शोध में कहा गया है कि बिहार तथा उत्तरप्रदेश की रेपोर्टिंग देश में सबसे खराब रही है. प्री-प्रिंट रिपॉजिटरी ‘मिडआरसिव’ में प्रकाशित अध्ययन में समूचे भारत में कोरोना से संबंधित क्वालिटी डेटा रिपोर्टिंग में अलगाव पाया गया है.
क्या है रिपोर्ट का पैमाना
इस शोध की रिपोर्ट के लिए शोधकर्ताओं की रिसर्च टीम ने भारत में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से किए गए कोविड-19 टेस्ट की क्वालिटी का पता लगाने के लिए अर्द्ध मात्रात्मक रूपरेखा (Semi Quantitative Framework) तैयार की. इस रूपरेखा में लोक स्वास्थ्य डेटा रिपोर्टिंग के चार मुख्य पहलुओं को शामिल किया गया. रिसर्च टीम ने फिर इसे उपलब्धता, पहुंच, विशिष्टता और गोपनीयता के आधार पर परखा और 19 मई से 1 जून के बीच अध्ययनकर्ताओं ने 29 राज्यों द्वारा किए गए कोरोना डेटा रिपोर्टिंग की गुणवत्ता का पता लगाया.
रिसर्च के नतीजे में ये कहा गया
इन शोधकर्ताओं के अनुसार ‘हमारे परिणाम भारत में राज्य सरकारों द्वारा किए गए कोविड-19 डेटा रिपोटिंर्ग की गुणवत्ता में भारी असमानता का संकेत देते हैं.’ अध्ययन से पता चला कि सीडीआरएस में कर्नाटक के 0.61 (अच्छा) से बिहार और उत्तरप्रदेश के 0.0 (खराब) के बीच भारी अंतर है.
विपक्ष का नीतीश सरकार पर हमला
इधर स्टैन्फोर्ड यूनिवर्सिटी की इस रिपोर्ट के बाद राज्य में विपक्ष ने फिर से नीतीश सरकार पर हमला बोल दिया है. राष्ट्रीय जनता दल ने आरोप लगाया है कि कोरोना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री ने आंकड़ों की हेराफेरी की है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट को लेकर बिहार सरकार पर कई आरोप लगाए हैं.
बताते चलें कि सोमवार को नीतीश सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत को उनके पद से हटा दिया है. कुमावत ने 68 दिन पहले ही संजय कुमार से स्वास्थ्य विभाग का प्रभार लिया था. अब नए प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत कितना सफल हो पाते है, ये तो भविष्य ही बताएगा. लेकिन आज राज्य में कोरोना संक्रमण की जो स्थिति है उससे कहा जा सकता है कि उनके लिए भी यह एक आसान रास्ता साबित होने वाला नहीं है.
साभार : द बिहार नाउ