महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार तो बन गई, लेकिन बार-बार सरकार के घटक दलों में किसी न किसी मुद्दे को लेकर मतभेद खड़े हो जाते हैं. अब महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस के बीच औरंगाबाद शहर का नाम बदलने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है. औरंगाबाद का नाम ‘संभाजी नगर’ किए जाने को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा है कि अगर नाम बदला तो सरकार खतरे में पड़ जाएगी. कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिवसेना को गठबंधन धर्म ओर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की याद दिला दी.
इस पर भाजपा ने चुटकी ली कि यह शिवसेना और कांग्रेस की मिलीभगत है, क्योंकि औरंगाबाद मनपा का चुनाव सिर पर है. इधर, मनसे ने नासिक में नाम बदलने के समर्थन में प्रदर्शन किया.
औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर करने को लेकर भाजपा शिवसेना के साथ खड़ी है. भाजपा प्रवक्ता व विधायक राम कदम ने कहा कि शिवसेना का यह नाटक सिर्फ चुनाव तक रहेगा. जब राज्य में भाजपा के साथ शिवसेना सत्ता में थी तो उन्होंने औरंगाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास नहीं भेजा, अब जब औरंगाबाद मनपा का चुनाव सिर पर हैं, तो उन्हें संभाजीनगर याद आ रहा है. बीजेपी नेता राम कदम ने कहा, ‘शिवसेना को महानगरपालिका चुनाव से पहले संभाजी नगर नाम याद आया. यह काम पहले क्यों नहीं किया. ये काम, ये पूरी लड़ाई ही झूठी है.’
इससे पहले भी महा विकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस, राहुल गांधी पर टिप्पणी और शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाए जाने की वकालत वाले बयान पर नाराजगी दिखा चुकी है. अब औरंगाबाद के नाम बदलने के मुद्दे पर कांग्रेस नेताओं के तेवर कड़े हैं. औरंगाबाद के पूर्व सांसद व शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ने कहा कि कांग्रेस के विरोध का कोई मतलब नहीं है. उनका यह क्षणिक विरोध है. कांग्रेस के लोग सरकार छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे.