शीतला माता मंदिर – सम्राट अशोक ने मंदिर परिसर स्थित कुआं में अपने 99 भाईयों की हत्या करवा कर डलवा दिया था

सालो भर शीतला माता मंदिर में भगवती के भक्तों की भीड़ सुबह से ही उमड़ रही है। मां शीतला की पूजा के लिए महिलाओं की लंबी लाइन लगी रहती है। मौर्य काल में सम्राट अशोक ने अपने राज्यारोहण के पूर्व अपने 99 भाईयों की हत्या करवा कर शीतला माता मंदिर परिसर स्थित कुआं में डलवा दिया था।

शीतला माता मंदिर की ऐतिहासिकता व महत्ता के संबंध में पंकज पुजारी ने बताया कि इतिहासकारों के मुताबिक 2500 वर्ष पूर्व यहां कुआं एवं वर्तमान नवपिंडी थी जो छोटे मंदिर में स्थापित थी। पुजारी बताते हैं कि एक समय तुलसी मंडी में कुआं की खुदाई के समय वर्तमान शीतला जी की मूर्ति खड़े रूप में प्राप्त हुई।

छोटी एवं बड़ी पहाड़ी तथा तुलसी मंडी ग्रामवासियों ने विचार विमर्श कर मूर्ति (शीतला) की इसी स्थान पर प्राण प्रतिष्ठा करा दी। मुख्य द्वार के पूरब ही शीतला माता का मंदिर है। मंदिर के दरवाजे के पूरब एवं दक्षिण कोने पर शीतला माता की खड़ी मूर्ति है। शीतला माता के मूर्ति के दाहिने त्रिशूल तथा उसके दाहिने ङ्क्षपडी रूप में योगिनी विराजमान है। शीतला माता की मूर्ति के बांये अंगार माता की छोटी मूर्ति है। दरवाजे के भीतर ङ्क्षपडी रूप में सात शीतला, एक भैरव एवं एक गौरेया है जो गुंबज के ठीक नीचे स्थापित है।

इस मंदिर से सटे पूरब में ही ऐतिहासिक अगमकुआं हैं। अगमकुआं के नाम से प्रसिद्ध यह कुआं चौथी शताब्दी के मौर्य वंशीय शासक सम्राट अशोककालीन कुआं है। इतिहासकार के अनुसार सम्राट अशोक ने अपने राज्यारोहण के पूर्व अपने 99 भाईयों की हत्या करवा कर इसी कुआं में डलवा दिया था। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ईट से ऊंचा करके घेर दिया गया है।मंदिर के पूरब और उत्तर कोने पर बलि स्थान है जहां मनौती करने वाले बलि चढ़ाते हैं।

मंदिर के दक्षिण में एक हवन कुंड है एवं इसी हवन कुंड के दक्षिण में वैष्णो देवी का छोटा मंदिर है। मुख्य मंदिर के उत्तर भी एक हवन कुंड है। कंकड़बाग-कुम्हरार रोड के पूरब में गांधी सेतु के नीचे से होते हुए शीतला मंदिर पहुंचना आसान है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 के रास्ते जीरो माइल से उत्तर की ओर चल कर मंदिर पहुंचा जा सकता है। अशोक राजपथ से आने वाले श्रद्धालु एनएमसीएच मार्ग से आरओबी पर चढ़ कर अगमकुआं में उतरने में के बाद मंदिर पहुंच सकते हैं।

पटना साहिब की ओर से मंदिर आने के लिए श्रद्धालु सुदर्शन पथ के रास्ते तुलसी मंडी होते हुए आरओबी पर पहुंच कर अगमकुआं की ओर उतर कर शीतला मंदिर पहुंच सकते हैं।

#खोज_खबर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *