मुजफ्फरपुर, सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन की मुजफ्फरपुर टीम ने वृन्दावन सेवा संस्थान द्वारा संचालित व़द्धावस्था कल्याण केन्द्र (वृ़द्धाश्रम) में वृद्धजनों के बीच शॉल और खाद्य सामग्री का वितरण किया।कार्यक्रम का संयोजन दीदीजी फाउंडेशन मुजफ्फरपुर के अध्यक्ष दिव्यांश मेहरोत्रा ने किया।इस अवसर पर दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका और समाजसेवी डॉ नम्रता आनंद ने वृद्ध परिजनों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहायता देने का वचन दिया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वृद्धों की सेवा ही सही मायने में ईश्वर सेवा है। वह घर जन्नत के समान होता है, जहां पर बुजुर्गों का सम्मान होता है। वरिष्ठजन घर की धरोहर है, वे हमारे संरक्षक एवं मार्गदर्शक है। जिस तरह आंगन में पीपल का वृक्ष फल नहीं देता, लेकिन छाया अवश्य देता है। उसी तरह हमारे घर के बुजुर्ग हमे भले ही आर्थिक रूप से सहयोग नहीं कर पाते है, लेकिन उनसे हमे संस्कार एवं उनके अनुभव से कई बाते सीखने को मिलती है। उन्होंने कहा, वृद्ध समाज की अनुपम धरोहर हैं, इनकी सेवा ईश्वर की सेवा जैसी है। वृद्धजनों का हमें सम्मान करना चाहिए तथा उनके जीवन अनुभवों से युवा पीढ़ी को सीख लेनी चाहिए।दीदीजी फाउंडेशन की कोशिश रहती है कि लोगों के बीच अधिक से अधिक मदद पहुंचायी जा सके।
डा. नम्रता आनंद ने कहा, वृद्धाश्रम में रहने वाले वृद्ध माता-पिताओं को हमारी, हमसब की ज़रूरत है, इसलिए हमें भी उनके प्रति अपना दायित्वों को निभाना चाहिए। वो हमारे लिए अनुभवों का ख़ज़ाना हैं। ज़रूरत उन्हें सँज़ो कर सहेज कर रखने की की है, उनके प्रति समाज के लापरवाह नज़रिया को बदला जाना चाहिए। आज की युवा पीढ़ी जीवित मां-बाप और समाज के जीवित बुजुर्गों की सेवा से दूर रहकर पतन के रास्ते पर जा रही है। उन्होंने बताया कि वह जल्द ही पटना में नि:शुल्क वृद्धाश्रम खोलने जा रही है।
देव्यांश मेहरोत्रा ने कहा कि आज के समय जरूरतमंद की सेवा करना ही सबसे बड़ा पुनीत कार्य है। हर सक्षम व्यक्ति को जरूरतमंदो की सहायता करती रहनी चाहिए।हमारे लिए वह किसी धरोहर से कम नहीं हैं। घर, परिवार व समाज के संचालन में वृद्धजनों का मार्गदर्शन जीवन के प्रत्येक दुख-सुख से सामना करने की शक्ति प्रदान करता है। वृद्धजनों का हमें सम्मान करना चाहिए।इस अवसर पर वृन्दावन सेवा संस्थान के सचिव सुनील कुमार समेत कई गणमान्य लोग मौजद थे।