मोतिहारी : छोटे भारतीय शहरों और कस्बों में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास में नई दिल्ली स्थित प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट लंग्स डिजीज एंड रिसर्च सेंटर (आईएचएलडी) ने मोतिहारी, बिहार स्थित शरण नर्सिंग होम के साथ हाथ मिलाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉ. राहुल चंदोला, बीस वर्षों से अधिक के व्यापक अनुभव वाले एक प्रसिद्ध सर्जन हैं, जिन्हें टोरंटो जनरल अस्पताल, सनीब्रुक अस्पताल, अल्बर्टा विश्वविद्यालय और हम्बोल्ट विश्वविद्यालय जर्मनी जैसे दुनिया के कुछ प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में कार्य करने का पर्याप्त अनुभव है।
डॉ. चंदोला, शरण नर्सिंग होम मोतिहारी के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में नियमित रूप से माह में एक बार हार्ट & लंग्स संबंधित चिकित्सा परामर्श सेवा हेतु उपलब्ध रहेंगे। आईएचएलडी अभूतपूर्व जटिल चिकित्सा प्रक्रियाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर रहा है। आईएचएलडी के वरिष्ठ सहयोगियों में से एक डॉ. ओपी सिन्हा, जो मोतिहारी के ही रहने वाले हैं, हाल ही में एक दुर्लभ हृदय प्रक्रिया में शामिल हुए थे, जिसमें एक 71 वर्षीय व्यक्ति के महाधमनी वाल्व को फिर से बनाना शामिल था। मरीज को भर्ती करने के बाद जटिल वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई। करीब साढ़े 6 घंटे तक चली इस सर्जरी ने मीडिया का भी खूब ध्यान खींचा। आईएचएलडी के संस्थापक अध्यक्ष और कार्डियोथोरेसिक सर्जरी प्रमुख डॉ. राहुल चंदोला ने कहा कि मुझे शरण नर्सिंग होम के साथ जुड़कर खुशी हो रही है।
एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसकी जड़ें एक छोटे शहर में है। मैं पूरे देश में विश्वस्तरीय सुविधाओं की तत्काल आवश्यकता को समझता हूं, जो केवल मेट्रो शहरों तक ही सीमित नहीं है। मुझे उम्मीद है कि आईएचएलडी के समर्थन से, क्षेत्र और राज्य के स्थानीय लोगों को अत्याधुनिक, जटिल प्रक्रियाओं के लिए दूर-दूर तक यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी। मैं मोतिहारी में हृदय और फेफड़ों के उपचार और सर्जरी में नवीनतम प्रगति लाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। डॉ. चंडोला भारत और विदेश में अंगदान कार्यक्रम और जागरूकता प्रचारण में भी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। डॉ चंदोला की प्रेरणा से ही देश की राजधानी, नई दिल्ली में हाल ही में अस्तित्वा में आया है हार्ट लंग्स डिजीज और रिसर्च सेंटर (आईएचएलडी। आईएचएलडी उत्तर भारत के कुछ प्रमुख संस्थानों में से एक है जो हृदय और फेफड़ों के रोगों के लिए विशेष चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करता है, जैसे कि कठिन शल्य संबंधित चिकित्सा, अंतिम स्तर के हृदय और फेफड़ों के रोगों के लिए थैरेपियाँ, और प्रतिक्रिया। आईएचएलडी के पास एक मजबूत कार्डियो-पल्मोनरी पुनर्वास कार्यक्रम भी है, जिसमें एआई-आधारित मोशन सेंसिंग और स्केलेटल मसल स्ट्रेंथ आकलन कार्यक्रम शामिल है, जो प्रभावित मांसपेशियों के प्रति केवल अभिग्रहण और रोगी की आवश्यकताओं के अनुसार अधिक प्रभावी और अनुकूलित है। आईएचएलडी ने दिल्ली के 300 बिस्तरों वाली पीएसआरआई अस्पताल के साथ समन्वय किया है, जो की दक्षिण दिल्ली में प्रेस एनक्लेव मार्ग पर अवस्थित है ।
टीम में 50 समर्पित, परिपक्व और कुशल कार्डियो-थोरेसिक सर्जन, प्रत्यारोपण चिकित्सक, गहन चिकित्सक, हृदय रोग विशेषज्ञ, रिहैबिलिटेशन विशेषक्षय, पुनर्वास विशेषज्ञ, नर्स, परफ्यूजनिस्ट, और अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता इत्यादि शामिल हैं। जो मूल रूप से गुणवत्तापूर्ण देखभाल और रोगी के प्रति करुणा के साथ अथक परिश्रम और लगन से काम करते हैं। संस्थान को समर्पित ऑपरेशन थिएटर, हाइब्रिड कैथ लैब, कार्डियक और ट्रांसप्लांट आईसीयू, ओपीडी और कार्डियो-पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम होंगे।आईएचएलडी जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों के नवाचार और विकास में सबसे आगे है। इसमें एक बेहतरीन और भारत का पहला हार्ट फेल्योर डिवाइस (मिनिएचर वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइस) का पेटेंट शामिल है। यह विकास के उन्नत चरणों में है, जो बड़े पैमाने पर दिल के दौरे और कार्डियोजेनिक शॉक के बाद फेल हो रहे रुकते हुए दिल और ज़िंदगी को सहारा (3.5 लीटर/मिनट तक) प्रदान कर सकता है। यह मिनिएचर वीएडी कई ऐसे लोगों की जान बचाएगा जो हर साल दिल के दौरे और दिल की अन्य जटिलता के चलते जीवन की जंग हार जाते हैं। डॉ. राहुल चंदोला, जो दो दशकों के अनुभव के साथ एक प्रतिष्ठित सर्जन हैं, जिनके पास दुनिया के सबसे अच्छे अस्पतालों जैसे टोरंटो जनरल अस्पताल, सनीब्रुक अस्पताल, अल्बर्टा विश्वविद्यालय और हम्बोल्ट विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर अनुभव है, वो इस संस्थान की शुरुआत करने में अग्रणी हैं। वह भारत के कुछ सर्जनों में से एक हैं जो हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण और कॉम्प्लेक्स कार्डियो थोरैसिक और वैस्कुलर सर्जरी में विशेषज्ञ हैं। वह भारत और विदेशों में अंग दान कार्यक्रम और जागरूकता अभियानों को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
आईएचएलडी के कार्डियो-थोरेसिक सर्जरी के संस्थापक-अध्यक्ष और प्रमुख डॉ. राहुल चंदोला कहते हैं, हम भारत में हृदय और फेफड़े के उपचार और सर्जरी में नवीनतम प्रगति लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डॉ. चंदोला के अनुसार आईएचएलडी को नवीन शुरुआत करने पर गर्व है, और विश्वास है कि यह राजधानी के साथ साथ देश विदेश के रोगियों को लाभान्वित करेगा, साथ ही हृदय और फेभडो के उपचार के लिए भारत से बाहर जाने की आवश्यकता नही पड़ेगी। आईएचएलडी के कुशल डॉक्टर कार्डियो-थोरेसिक और ट्रांसप्लांट हेल्थकेयर में परिवर्तन का नेतृत्व कर रहे हैं। आईएचएलडी को हंस फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त है, जो देश भर में स्वास्थ्य सेवा, विकलांगता, आजीविका और शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक कार्यक्रम चलाने वाले सबसे बड़े धर्मार्थ और कल्याणकारी संगठनों में से एक है। फाउंडेशन ने पिछले चार वर्षों में 3000 करोड़ रुपये के कल्याणकारी कार्यक्रमों का समर्थन किया है। आईएचएलडी ने 5,000 से अधिक जटिल हृदय और फेफड़े के ऑपरेशन और प्रत्यारोपण के माध्यम से अब तक 20,000 से अधिक जिवन को सहायता प्रदान किया है। इसने बद्रीनाथ, केदारनाथ, उत्तरकाशी जैसे दुर्गम और दूरस्थ स्थानों सहित पूरे उत्तर भारत में नि: शुल्क शिविर भी चलाए हैं, यहाँ तक कि देश के अंतिम गाँव माणा तक भी अपनी सेवाएँ पहुँचाई हैं। आईएचएलडी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 600 से अधिक लोगों के निशुल्क जटिल हृदय ऑपरेशन भी किए हैं।