कोविड की वजह से लंबे अंतराल के बाद देश के कई राज्यों में आज से स्कूल दोबारा खुल रहे हैं। दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और मेघालय सहित विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूल फिर खुल गए हैं। कोविड महामारी और लॉकडाउन के कारण पिछले लंबे समय से केवल ऑनलाइन ही पढ़ाई हो रही थी।
क्लास एक से पांच तक स्कूल खुले
उत्तर प्रदेश में कक्षा एक से पांच तक के स्कूल कोविड दिशा-निर्देशों के अनुपालन के साथ आज से खोल दिए गए हैं। राज्य में 16 अगस्त से कक्षा 9 से 12 तक और 23 अगस्त से कक्षा 6 से 8 तक की पढ़ाई पहले ही शुरू की जा चुकी है। हालांकि अभी भी छात्रों के लिए उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया गया है। इस संबंध में राज्य के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए किए गए हैं।
स्कूल को जारी दिशा-निर्देश
>प्रशासन के अनुसार स्कूल प्रशासन कोविड संबंधी दिशानिर्देशों के पालन के लिए पूरे तौर पर उत्तरदायी माना जाएगा।
>हर स्कूल के एंट्री गेट पर कोविड के परीक्षणों की जांच के लिए बच्चों के थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होगी।
>क्लास में सैनिटाइजर का इन्तजाम रहेगा और पढ़ाई दो पार्ट में की जाएगी।
>छात्रों को व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में उपस्थित होने से पहले अपने अभिभावकों की रजामंदी लेना जरूरी होगा।
बच्चे जो ऑफलाइन क्लास में नहीं आना चाहते हैं उन्हें ऑनलाइन क्लास जारी रखने की इजाजत होगी।
मध्य प्रदेश में 6 से 12वीं तक के स्कूल खुले
उधर मध्य प्रदेश में कक्षा 6 से 12 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल पचास प्रतिशत क्षमता के साथ आज से खुल गए हैं।
स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश
कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय एक सप्ताह बाद, स्थिति के आधार पर लिया जाएगा।
माता-पिता की सहमति और कोविड-19 दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन अनिवार्य किया गया है।
सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का टीकाकरण भी अनिवार्य है।
दिल्ली में आज से 9-12वीं तक के खुले स्कूल
वहीं राजधानी दिल्ली में सीनियर कक्षाओं 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए 1 सितंबर खोल दिया गया है। मिडिल कक्षाओं 6वीं से 8वीं तक के लिए 8 सितंबर से स्कूल बुलाया जाएगा। स्कूल जाने के लिए छात्रों को पेरेंट्स की लिखित सहमति साथ लानी होगी, हालांकि छात्रों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
स्कूल के लिए कई दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं…
सभी स्कूलों और कॉलेजों में इमरजेंसी की स्थितियों से निपटने के लिए परिसर में एक क्वारंटाइन रूम स्थापित करना होगा।
लंच ब्रेक के लिए को खुला स्थान दिया जाना चाहिए।
कंटेनमेंट जोन में रह रहे शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को स्कूल या कॉलेज आने की अनुमति नहीं दी चाहिए।
किसी भी कक्षा में एक बार में अधिकतम 50 फीसदी छात्र-छात्राओं को ही बुलाने की अनुमति होगी।
साभार : NewsOnAir