दरभंगा के बेनीपुर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आ रहा है। मामले के अनुसार एक प्रधानाध्यापक के द्वारा अपने अवकाश प्राप्त करने के बाद भी नियुक्ति के सम्बन्ध में विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। इतना हीं नहीं विज्ञापन भी लॉकडाउन में और नियुक्ति भी लॉकडाउन में हीं।
मामला है जनता संस्कृत प्राथमिक सह मध्य विद्यालय, डखराम का। इस विद्यालय के आजीवन दाता सदस्य महेश झा ने बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखकर बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक गौरी कान्त झा द्वारा गठित प्रबंध समिति अवैध है। उन्होंने यह भी बताया कि श्री झा विगत 5 मई को अवकाश प्राप्त कर चुके हैं, बावजूद इसके उनके द्वारा कई ऐसे संवैधानिक कार्यों को किया जा रहा है जो वैध नहीं है।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानाध्यापक गौरी शंकर झा के द्वारा इस लॉकडाउन में भी अपने अवकाश प्राप्ति के बाद स्कूल में नियुक्ति सम्बन्धी विज्ञापन दिया। इस विज्ञापन के बाद दरभंगा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने स्कूल के प्रधानाध्यापक को पत्र लिखकर इस विज्ञापन से सम्बंधित सभी कार्रवाई को स्थगित रखने का आदेश दिया है।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने अपने पत्र के माध्यम से विज्ञापन निकलने के संबंध में यदि बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड से कोई आदेश आया है तो इससे सम्बंधित कागजात की भी मांग की है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि कोविड-19 जैसे महामारी एवं लॉकडाउन के बीच सभी प्रकार की नियुक्तियों एवं विज्ञापन पर रोक के बावजूद यह विज्ञापन निकलना अनुचित है।