नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चार कोयला ब्लॉक छोड़कर सभी आबंटन रद्द कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चार कोयला ब्लॉक को छोड़कर 1993 के बाद हुए सभी आबंटन रद्द कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1993 के बाद से कोयला ब्लॉक मनमर्जी आवंटित किए गए। इसलिए आबंटित किए गए सभी 218 कोयला ब्लॉकों में से 214 के आबंटन को रद्द किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले छह महीने तक निजी कंपनियां कोयला निकाल सकती हैं, और 31 मार्च 2015 तक उन्हें खदान खाली करने होंगे।
कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में ये सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश है। सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ़ केंद्र सरकार की संचालित चार कोल ब्लॉकों के आबंटन को रद्द नहीं किया है। इनमें भी सिर्फ़ उन्हीं चार कोयला ब्लॉकों का आबंटन रद्द नहीं किया गया है जिनमें कोई साझा उपक्रम नहीं चल रहा था।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कोल ब्लॉक आबंटन को गैर कानूनी बताया था। इस ऑर्डर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोल ब्लॉक आबंटन का पहले आओ-पहले पाओ का तरीका गलत है। इसके तहत 1993 से 2010 का कोल ब्लॉक आबंटन गलत पाया गया।
इससे पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील कि ज्यादा रॉयल्टी के साथ 46 ब्लॉक में खनन जारी रहने दिया जाए। इसके तहत 46 ब्लॉक पर 295 रुपये प्रति टन ज्यादा रॉयल्टी लगाई जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की अपील को खारिज करते हुए 4 कॉल ब्लॉक को छोड़कर सभी आबंटनों को रद्द कर दिया।
SC का फैसला, 4 कोल ब्लॉक को छोड़कर सभी आबंटन रद्द
