श्री गणेश संकष्ठी जिसे गणेश चतुर्थी के नाम से जानते हैं। ३१ जनवरी को ही करना उत्तम है रात्रि मे ९ वजकर ४१ मि० के बाद माताएं चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत को सम्पन्न करेंगी. इस बार रविवार सोमवार दोनो दिन चन्द्रोदय चतुर्थी मे नही है पर रविवार ३१ जनवरी को रात्रि मे चतुर्थी के आने से यही सर्वोत्तम सर्वमान्य चतुर्थी व्रत रहेगा अतः सभी माताए वहने ३१जनवरी रविवार को ही व्रत करके अपने पुत्र पौत्रादि के दीर्घायु की कामना भगवान गणेश के चरणो मे निवेदित करके धन्यता का अनुभव करें। कुछ एक पञ्चाङ्गकारों द्वारा भ्रम की स्थिति बनी थी किन्तु अन्य सभी पञ्चाङ्ग कारों ने मिलकर इस व्रत का निर्णय 31 को ही सर्वमान्य किया है।अतः आप सभी माताएँ बहनें 31/01/2021 को ही चतुर्थी व्रत का पूर्ण लाभ लें।
।।इति शुभम्।।
आचार्य स्वामी विवेकानन्द जी
ज्योतिर्विद ,वास्तुविद व कथा व्यास
श्रीधाम श्री अयोध्या जी
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