पटना। पटना नगर निगम बोर्ड की बैठक में कचड़ा शुल्क के मुद्दे पर जमकर नोंकझोंक हुआ। एक तरफ जहां पूर्व उप महापौर विनय पप्पू ने महापौर सीता साहू तथा सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों एवं नगर आयुक्त के द्वारा कचड़ा शुल्क के मुद्दे पर निगम बोर्ड की बैठक में गुमराह किया गया है।
पप्पू ने कहा कि बैठक में जो गजट दिखाया गया वह बिहार ठोस अवशिष्ट प्रबंधन(मॉडल) के संबंध में है जिसके आधार पर सभी निकाय को अपने निकाय क्षेत्र में इसी आधार पर विनियम बना कर के सरकार के पास नियमानुसार करवाई करते हुए भेजना है और जब सरकार हर निकाय के लिए अलग- अलग गजट प्रकाशीत करेगा तब वह सम्बंधित निकायों में लागू होगा। अभी जो कचड़ा शुल्क लिया जा रहा है वह बिल्कुल अवैध है। यह एक आपराधिक कृत्य निगम द्वारा महापौर पटना के नेतृत्व में किया जा रहा है। सरकार को अबिलम्ब इस पर रोक लगाया जाना चाहिए।
नगर आयुक्त निगम बोर्ड की बैठक में इंदौर,गाजियाबाद आदि स्थानों के कचड़ा शुल्क मॉडल का उदाहरण देते रहे लेकिन जब प्रश्न किया कि आप पटना कचड़ा संग्रहन किस मॉडल के हिसाब से कर रहे हैं तो कोई जबाब ही नही मिला हकीकत यह है कि घर घर कचड़ा संग्रहन हो ही नही रहा सिर्फ फर्जी तरीके क्यू आर कोड का सकेनिग कर फर्जी डाटा बताया जा रहा है। वहीं विनय कुमार पप्पू के सवाल का जबाब देते हुए सशक्त स्थायी समिति सदस्य डा आशीष सिन्हा ने बताया कि धारा 127 के तहत कर लेने का प्रावधान है तथा अगर सरकार चाही तो अधिसूचना के जारी होने पर यूजर चार्ज ले सकती है। इसके संबंध में बिहार सरकार का गजट भी दिखाया ताकि इस पर कार्य हो सके।
श्वेता / पटना