पटना। बिहार विधानसभा में सबसे बड़ दल का दर्जा राजद के पास बरकरार है। दो सीटों पर हुए उपचुनाव में एक पर जीत हासिल कर राजद के पास अब 79 विधायक हो गये हैं। इसके पहले भी 78 विधायकों के साथ राजद ही सबसे बड़ी पार्टी थी। वहीं 77 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर भाजपा है।
मोकामा और गोपालगंज उपचुनाव के पहले राजद को 78 तो भाजपा के 76 विधायक थे। दोनों दलों के बीच विधायकों की संख्या का अंतर दो था। उपचुनाव में दोनों पार्टियों को एक एक सीट मिली। इस तरह दोनों के बीच अब भी दो का ही अंतर है। वर्ष 2020 के चुनाव में राजद 75 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पाटी बनी थी तब भाजपा के 74 विधायक बने थे। मार्च 2022 में वीआईपी के तीन विधायक भाजपा में शामिल हुए।
इस तरह भाजपा के पास विधायकों की संख्या 77 हो गई जिससे वह विधानसभा में एक नंबर की पार्टी बन गई। भाजपा के पास यह दर्जा अधिक दिनों तक नहीं रह सका। तीन महीने बाद जून 2022 में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायक राजद में शामिल हो गये। इस तरह राजद एक बार फि र विधानसभा में एक नंबर की पार्टी बन गई तब से वह उसपर कायम है।