बुधवार को पुलिस महानिदेशक, झारखण्ड की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय, राँची स्थित सभागार में मॉब-लिंचिग से सम्बंधित माननीय सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा पारित न्यायादेश में निहित बिन्दुओं के अनुपालन सहित मॉब-लिंचिग से सम्बद्ध राज्य अन्तर्गत प्रतिवेदित सभी काण्डों के अनुसंधान की अधतन स्थिति सहित निष्पादित काण्डों में सुनवाई (ट्रायल) की अधतन स्थिति की समीक्षा वीडियो कांफ्र्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला के वरीय पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों (रेल सहित) एवं क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षकों के साथ की गयी, जिसमें पुलिस मुख्यालय के स्तर से महानिदेशक (मुख्यालय, झारखण्ड), अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान विभाग, झारखण्ड), अपर पुलिस महानिदेशक (अभियान, झारखण्ड), पुलिस महानिरीक्षक (मानवाधिकार, झारखण्ड), पुलिस महानिरीक्षक (अभियान झारखण्ड), पुलिस महानिरीक्षक (प्रोविजन झारखण्ड), क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षक (द0छो0क्षेत्र, राँची), ए0आई0जी0-टू-डी0जी0पी0 एवं पुलिस अधीक्षक (एस0आई0बी0, विशेष शाखा, झारखण्ड) सम्मिलित हुए।
मॉब-लिंचिंग से सम्बद्ध प्रतिवेदित काण्डों की समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक, झारखण्ड ने लम्बित काण्डों में तत्परतापूर्ण कार्रवाई करते हुए उनका अनुसंधान शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कर त्वरित विचारण के अन्तर्गत सुनवाई कराने का निर्देश दिया। इन काण्डों की जिलावार समीक्षा निरन्तर क्षेत्रीय स्तर पर क्षेत्रीय पुलिस उप-महानिरीक्षकों के स्तर से की जाती रहेगी। साथ ही अपराध अनुसंधान विभाग, झारखण्ड के स्तर से सम्पूर्ण जिला के मामलों की मॉनिटरिंग पूर्ववत् जारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि त्वरित विचारण के पश्चात् विगत तीन वर्षों में कुल-04 कांडों में कुल-51 अभियुक्तों को सम्बन्धित माननीय न्यायालयों द्वारा सजा सुनाई जा चुकी है, जो इस प्रकार है : कैरो (लोहरदगा) थाना काण्ड संख्या-09/16 में कुल-22, रामगढ़ थाना काण्ड संख्या-198/17 में कुल-11, बालूमाथ (लातेहार) थाना काण्ड संख्या-42/16 में कुल-08 तथा चन्द्रपुरा (बोकारो) थाना काण्ड संख्या-46/17 में कुल-10 अभियुक्तों को सजा सुनाई गयी है।
समीक्षा के दौरान जिलों में बनाये गये नोडल पदाधिकारियों सहित सम्बन्धित जिला के वरीय पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों द्वारा मॉब-लिंचिग के संभावित स्थानों/क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए उसके रोकथाम हेतु निरोधात्मक एवं एहतियाती कदम उठाने तथा जिलावार प्रत्येक माह में अपने स्तर से मामलों एवं हालात की निरन्तर मॉनिटरिंग करने सहित मॉब-लिंचिग की घटना पर अंकुश लगाने हेतु रेडियो, टेलीविजन, अन्य इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं बैनर/पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराने का विशेष निर्देश भी पुलिस महानिदेशक, झारखण्ड के स्तर से दिया गया।