खेत में हीं गोभी को नष्ट करने वाले किसान को मिला सहारा, केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की पहल पर सीएससी बिहार ने दिया बड़ा बाजार

समस्तीपुर. देश में किसानों की समस्या को लेकर एक तरफ जहां दिल्ली में आंदोलन चल रहा है, तो वहीं बिहार के समस्तीपुर में किसान एक अलग हीं समस्या से जूझ रहे हैं. यहाँ एक किसान ने अपनी परेशानी तंग आकर अजीबोगरीब कदम उठा लिया. समस्तीपुर के इस किसान ने गोभी का उचित दाम नहीं मिलने पर अपनी तैयार फसल पर ट्रैक्टर चलाते हुए उसे जमींदोज कर दिया.

समस्तीपुर जिले के मुक्तापुर के किसान ओम प्रकाश यादव ने खेती में 4000 रुपए प्रति कट्ठा का खर्च कर गोभी की फसल तैयार की थी. इस खेती में कुल 2 लाख रुपए की लागत आई थी. लेकिन किसान जब अपनी फसल लेकर मंडी पहुंचा तो वहां एक रुपए किलो भी भाव नहीं मिला. गोभी न बिकने पर आहत किसान ओमप्रकाश ने अपनी तैयार फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया.

किसान की मेहनत से तैयार गोभी स्थानीय बाजार मे उचित मुल्य नही मिलने पर किसान को हुई निराशा और फसल नष्ट करने की खबर जब मीडिया के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को मिली तो उन्होंने सीएससी को मदद करने हेतु दिशा-निर्देश दिया. तब सीएससी बिहार इकाई ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की पहल पर इसे काफी गंभीरता से लेते हुए पीड़ित किसान से संपर्क किया.

सीएससी बिहार की टीम ने किसान को पूणे की कंपनी के द्वारा उचित दाम पर बाजार प्रदान किया. इस प्रयास से किसान काफी उत्साहित है और देश के केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के मार्गदर्शन और पहल के लिए धन्यवाद भी प्रकट किया. किसान ओम प्रकाश यादव ने बताया कि पहले तो गोभी को मजदूर से कटवाना पड़ता है, फिर अपनी बोरी देते हुए उसे पैक करवाना होता है. इसके बाद ठेले या किसी अन्य गाड़ी की मदद से उसे मंडी पहुंचाना पड़ता है. लेकिन मंडी में आढ़त में एक रुपए प्रति किलो भी गोभी की फसल खरीदने को तैयार नहीं है. मजबूरन मुझे अपनी फसल पर ट्रैक्टर चलवाना पड़ा.

इस बाबत विस्तृत जानकारी देते हुए सीएससी सूत्रों ने बताया कि कल मीडिया में प्रसारित इस रिपोर्ट के अनुसार बिहार के समस्तीपुर के मुक्तापुर गाँव के किसान ओम प्रकाश यादव को अपने खेत में उगाई गोभी की फसल का स्थानीय आढ़त में मात्र एक रुपया प्रति किलो भाव मिल रहा था। निराश हो कर उन्होंने अपने खेत के कुछ हिस्से पर ट्रैक्टर चलवा कर फसल को नष्ट कर दिया। यह मीडिया रिपोर्ट जब देश के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद तक पहुँची तब उन्होंने अपने विभाग के कॉमन सर्विस सेंटर को निर्देश दिया कि इस किसान को संपर्क कर इनकी फसल को देश के किसी भी बाज़ार में उचित मूल्य पर बेचने का प्रबंध किया जाये।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज ट्वीट कर इस बारे में बताया कि कॉमन सर्विस सेण्टर ने इस किसान की मदद की है और उसके उपज को दिल्ली के खरीददार ने कहीं अधिक मूल्य पर खरीदा है। कॉमन सर्विस सेंटर के VLE ने तुरंत उस किसान से सम्पर्क साधा और सीएससी के डिजिटल प्लाट्फ़ोर्म ई-किसान मार्ट पर इस किसान को दिल्ली के एक खरीदार ने दस रूपये प्रति किलो का मूल्य ऑफ़र किया। किसान और खरीददार की आपसी सहमति के बाद, कुछ ही घंटों में किसान के बैंक खाते में आधी राशि एडवांस के रूप में पहुँच गई। और आज सुबह पूरी फसल के ट्रक पर लोड होते ही बची हुई राशि भी किसान के बैंक खाते में जमा हो गई है, और समस्तीपुर की गोभी दिल्ली के लिए रवाना हो गई है। इस पूरी प्रक्रिया में ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था भी खरीददार के द्वारा ही की गई और ट्रांसपोर्ट का पूरा खर्च भी खरीददार ने ही वहन किया, न कि किसान ने।

इस पहली खेप में किसान ने चार टन गोभी दिल्ली के खरीददार को बेची है, जिसके लिए उसे स्थानीय मंडी से दस गुना अधिक दाम भी मिला जिसका पेमेंट सीधा उसके बैंक अकाउंट में तुरंत ही प्राप्त हो गया। कॉमन सर्विस सेण्टर ने एक स्टार्टअप एग्री-टेन-एक्स के साथ मिल कर किसान ई-मार्ट नाम का डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया है जिसके द्वारा किसान अपने फसल के लिए देश भर के खरीददारों से संपर्क कर अपनी फसल बेच सकते हैं। इसमें खरीददार तय मूल्य पर सीधा किसान के खेत या भण्डार से उपज को ट्रांसपोर्ट भेज कर उठा लेता है जिस से किसान को अपनी उपज मंडी तक ले जाने की भी जरूरत नहीं रहती है।

अब नरेंद्र मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों ने किसान को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दे दी है। बिहार का ये किसान जिसे स्थानीय मंडी में मिल रहे दाम से निराश हो कर अपनी फसल नष्ट करने पर मजबूर होना पड़ा था, अब स्थानीय दाम से दस गुना अधिक दाम पर दिल्ली में अपनी फसल बेच पाया है।

समस्तीपुर से भारत पोस्ट और बिहार पत्रिका के लिए अकील अहमद और अबू शाकी की रिपोर्ट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *