पटना। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वाणिज्यिक कमाई, गैर किराया राजस्व एनएफ आर अनुबंधों के लिए ई नीलामी की नीति और पोर्टल लॉन्च किया। भारत में कहीं भी स्थित बोलीदाता को पोर्टल के माध्यम से भारतीय रेलवे की किसी भी फ ील्ड यूनिट की नीलामी में भाग लेने के लिए केवल एक बार पंजीकरण करने की आवश्यकता है।
पिछले एक माह में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस पोर्टल के माध्यम से 80 अर्निंग कांट्रेक्ट को मूर्त रूप दिया गया जिससे 128 करोड़ रूपए की आय हुई। भारतीय रेलवे ने स्क्रैप बिक्री की प्रचलित ई नीलामी के अनुरूप भारतीय रेलवे ई.प्रोक्योरमेंट सिस्टम आईआरईपीएस के माध्यम से वाणिज्यिक आय और गैर किराया राजस्व अनुबंधों को इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के दायरे में लाने के लिए कदम उठाए हैं।
श्री वैष्णव ने रेल भवन में वाणिज्यिक कमाईए गैर किराया राजस्व अनुबंधों के लिए ई नीलामी का शुभारंभ किया। इससे न केवल रेलवे की कमाई बढ़ेगी बल्कि कारोबार सुगमता के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को भी बल मिलेगा। पार्सल वैन, पे एंड यूज टॉयलेटए स्टेशनए सर्कुलेटिंग एरिया और कोचों पर विज्ञापन का अधिकारए एसी वेटिंग रूमए क्लॉक रूमए पार्किंग लॉटए प्लास्टिक बॉटल क्रशरए एटीएमए स्टेशन को.ब्रांडिंगए वीडियो स्क्रीन के माध्यम से प्रचार आदि को पोर्टल में स्थान वार मैप किया जाएगा ।
इससे रियल टाइम आधार पर परिसंपत्तियों की निगरानी में सुधार होगा। वर्तमान ई.निविदा में भाग लेने के लिए संबंधित क्षेत्र इकाई के साथ फिजिकल पंजीकरण की आवश्यकता होती है। इससे शेष भारत के संभावित बोलीदाताओं के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाता है। निविदा को अंतिम रूप देने हेतु नामित सदस्यों की फिजिकल बैठक की आवश्यकता के कारण इसे अंतिम रूप देने में समय लगता है। भारत में कहीं भी स्थित बोलीदाता को पोर्टल के माध्यम से भारतीय रेलवे की किसी भी क्षेत्रीय इकाई की नीलामी में भाग लेने के लिए एक बार स्वयं पंजीकरण करने की आवश्यकता है।
इलेक्ट्रॉनिक रूप से बयाना राशि ;ईएमडीद्ध जमा करने के बाद किसी परिसंपत्ति के प्रबंधन अधिकारों के लिए कहीं से भी बोली लगाई जा सकती है। सफल बोलीदाता बहुत कम समय में ऑनलाइन और ई.मेल के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त करने में सक्षम होंगे। वित्तीय कारोबार की आवश्यकता को छो?करए सभी पात्रता मानदंड हटा दिए गए हैं। इसके अलावा वित्तीय आवश्यकता को काफ ी हद तक लचीला बना दिया गया है साथ ही 40 लाख रुपये तक के वार्षिक अनुबंधों के लिए कोई वित्तीय टर्नओवर की आवश्यकता नहीं है। भारतीय रेल के 9 जोनों के 11 मंडलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया गया था।
इस दौरान 128 करो? मूल्य के कुल 80 अनुबंधों को अंतिम रूप दिया गया। ई-ऑक्सन नीलामी आईआरईपीए के माध्यम से ऑनलाइन की जाएगी । पहले से लागू ठेकेदारों के मंडलवार फि जिकल पंजीकरण की प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है । नीलामी के लिए न्यूनतम 30 मिनट का समय दिया जाएगा । पूर्व मध्य रेल में भी इस नई प्रणाली के तहत् कार्य प्रारंभ कर दिया गया है ।