- कार्यक्रम की मेजबानी मुकेश अंबानी और नीता अंबानी ने की
- राधिका ने अपनी नृत्य शिक्षा पूरी होने के बाद ‘अरंगेत्रम’ प्रस्तुत किया
मुंबई. विविध संस्कृतियों वाला शहर मुंबई बीते कुछ महीनों से शांत पड़ा हुआ था, लेकिन रविवार की रात यह एक बार फिर गुलजार हो गया. मौका था भरतनाट्यम नृत्य शो का. इस शो के बारे में हर कोई बात कर रहा है. दरअसल, इस शो की प्रस्तुति राधिका मर्चेंट ने की. राधिका मर्चेंट रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी और नीता अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की होने वाली पत्नी हैं. राधिका एक आला दर्जे की भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना हैं और उन्होंने अपनी नृत्य शिक्षा पूरी होने के बाद ‘अरंगेत्रम’ प्रस्तुत किया. अरंगेत्रम एक तमिल शब्द है. इसका मतलब होता है- भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत के किसी साधक की पहली स्टेज परफॉर्मेंस.
राधिका ने श्री निभा आर्ट्स की भावना ठाकर से नृत्य की शिक्षा ली है. भावना ठाकर का भारतीय शास्त्रीय नृत्य की दुनिया में बड़ा योगदान है. वह चार दशक से अधिक समय से इस क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं. यह प्रस्तुति जियो वर्ल्ड सेंटर के द ग्रैंड थियेटर में हुई.
मुकेश अंबानी अपने पोते पृथ्वी के साथ इस शो को देखने पहुंचे. राधिका की हौसला अफजाई के लिए बड़ी संख्या में दर्शक जुटे हुए थे. इस मौके पर मर्चेंट और अंबानी परिवार के सभी सदस्य और करीबी लोग मौजूद थे. इसमें कला, कारोबार और जन सेवा से जुड़ी तमाम हस्तियां शामिल थीं.
इस शो के दौरान दर्शकों का उत्साह देखने लायक था. ये लोग धीरूभाई अंबानी चौक से जियो वर्ल्ड सेंटर के द ग्रैंड थियेटर की ओर बढ़ रहे थे. शो में शिरकत करने पहुंचे अधिकतर मेहमान अपने पारंपरिक पोशाक में थे.
अंबानी और मर्चेंट परिवार के सदस्यों ने मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया. इस शो के दौरान कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया गया. यहां तक कि ईवेंट में शामिल होने से पहले अतिथियों का टेस्ट किया गया. जनहित और सबकी सुरक्षा को देखते हुए सभी अतिथि इस टेस्ट के लिए खुशी-खुशी सहमत भी हो गए.
इस पूरे कार्यक्रम की स्टार राधिका मर्चेंट थीं. उन्होंने अपनी नृत्य प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया. यह समय उनके लिए अपनी और गुरु भावना ठाकर की सफलता को प्रदर्शित करने का था. भावना ठाकर ने राधिका मर्चेंट को नृत्य की शिक्षा दी है. उन्होंने आठ सालों तक राधिका को भरतनाट्यम सिखाया है. इसी नृत्य साधना का अंतिम पड़ाव था ‘अरंगेत्रम’.
यह राधिका की पहली एकल मंच प्रस्तुति थी. ‘अरंगेत्रम’ भारतीय शास्त्रीय नृत्य कला में नए कलाकारों के प्रवेश और गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाने का एक मौका भी होता है. यह संयोग ही है कि राधिका, अंबानी परिवार की दूसरी भरतनाट्यम की साधक बनेंगी. अंबानी परिवार में पहले से ही नीता अंबानी भरतनाट्यम की साधक हैं. वह आज भी अपनी तमाम व्यस्तताओं और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों के बीच अपनी प्रस्तुति जारी रखी हुई हैं.
राधिका ने अपनी प्रस्तुति में अरंगेत्रम के सभी पारंपरिक तत्वों को समाहित किया हुआ था. उन्होंने सबसे पहले मंच, ईश्वर, गुरु और दर्शक को समर्पित प्रस्तुति पुष्पांजलि से शुरुआत की. इसके तुरंत बाद उन्होंने गणेश वंदना और फिर पारंपरिक अल्लारिपू पर प्रस्तुति दी. अल्लारिपू सफलता की प्रार्थना है. इस दौरान पूरा माहौल आदि ताल के पारंपरिक रागों और ध्वनियों से गुंजायमान था.
इसके बाद लोकप्रिय भजन ‘अच्युतम केशवम’ पर प्रस्तुति हुई. यह प्रस्तुति राग रागमलिका पर आधारित थी. इसमें तीन कहानियों- शबरी और भगवान राम, गोपियों के साथ भगवान कृष्ण के नृत्य और मां यशोदा और बाल कृष्ण, को समाहित किया गया था. इसके अलावा राधिका ने शिव पंचाक्षर, भजन और नृत्य के देवता नटराज का चित्रण किया.
इसके बाद राधिका ने एक बेहद कठिन नृत्य साधना ‘अष्टरस’ की प्रस्तुति दी. इसमें श्रृंगार, हास्य, करुण, भयानक, वीर, रौद्र, वीभत्स और अद्भुत शामिल है. नृत्य की विभिन्न मुद्राओं पर राधिका ने अपनी खूबसूरत प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया. इस पूरे कार्यक्रम की समाप्ति ‘तिल्लाना’ के साथ हुई. यह एक बेहद कठिन नृत्य साधना है. इसमें पैर और हाथ का संचालन बहुत जटिल होता है. इस प्रस्तुति के बाद पूरा माहौल तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो गया. यह पल राधिका और उनकी गुरु के लिए अपार संतुष्टि वाला था.